महाराष्ट्र सरकार ने रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अपील के बावजूद शुक्रवार को राज्य सरकार के सभी विभागों को अपने खाते निजी बैंकों से हटाकर सरकारी बैंकों में खोलने का निर्देश दिया. महाराष्ट्र सरकार ने इस बाबत शुक्रवार को सभी विभागों को एक परिपत्र जारी किया.
रिजर्व बैंक ने कुछ राज्यों द्वारा निजी बैंकों में खाते बंद कर सरकारी बैंकों में खोलने की खबरों को लेकर बृहस्पतिवार को सभी राज्यों को पत्र लिखकर ऐसा नहीं करने की अपील की थी.
महाराष्ट्र सरकार के वित्त विभाग ने परिपत्र में कहा, 'सभी सरकारी कार्यालयों, सरकारी उपक्रमों और निगमों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है कि बैंकिंग से संबंधी उनके सारे क्रिया-कलाप सिर्फ सरकारी बैंकों के साथ ही हों.'
परिपत्र में कहा गया कि वेतन व भत्ता समेत सभी सरकारी योजनाओं का पैसा रखने के लिए निजी या सहकारी बैंकों में खोले गए सभी खाते एक अप्रैल तक बंद करा दिए जाने चाहिए. सरकार ने 11 सरकारी बैंकों की सूची के साथ अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि अप्रैल से कर्मचारियों के वेतन और भत्ते सिर्फ सरकारी बैंकों से दिए जाएं.
सरकार ने सभी पेंशनभोगियों को अपने खाते सरकारी बैंकों में हस्तांतरित करने को भी कहा है. सरकार ने इसके लिए उन 13 बैंकों की सूची भी जारी की, जिनके साथ राज्य सरकार का कारोबार है.
राज्य सरकार ने सभी निगमों और उपक्रमों से भी यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके निवेश सिर्फ सरकारी बैंकों में जमा रहें.
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.