महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए जारी जबरदस्त राजनीतिक उठापटक के बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार ने बुधवार दोपहर संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। गौरतलब है कि यह मुलाकात पीएम द्वारा राज्यसभा में एनसीपी की तारीफ के थे दो दिन बाद हुई है।
Delhi: Nationalist Congress Party Chief Sharad Pawar meets Prime Minister Narendra Modi in Parliament. (file pics) pic.twitter.com/HRkIjEgffa
— ANI (@ANI) November 20, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उन्हें राज्य के किसानों की समस्याओं के बारे में अवगत कराया। पवार ने तीन पृष्ठों के एक ज्ञापन में कहा कि नासिक जिले में सोयाबीन, धान, मक्का, बाजरा और टमाटर, प्याज जैसी सब्जियों की फसलें अंतिम चरण में थीं, लेकिन बेमौसम भारी बारिश से वे पूरी तरह बर्बाद हो गयीं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 महीनों में नासिक के 44 किसानों ने आत्महत्या की है।
राकांपा प्रमुख ने कहा, ''इस साल महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश के कारण 54.22 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की फसलों को नुकसान पहुंचा है। इस अप्रत्याशित हालात का जायजा लेने के लिए मैंने एक नवंबर को नासिक और 14 नवंबर को नासिक का दौरा किया।''
उन्होंने कहा, ''मैंने जो अनुभव किया वो बहुत दर्दनाक और भयावह है। मैंने जो अनुभव किया वो आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं।''
Met @PMOIndia Shri. Narendra Modi in Parliament today to discuss the issues of farmers in Maharashtra. This year the seasonal rainfall has created Havoc engulfing 325 talukas of Maharashtra causing heavy damage of crops over 54.22 lakh hectares of area. pic.twitter.com/90Nt7ZlWGs
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) November 20, 2019
पवार ने कहा, ''राज्य में राष्ट्रपति शासन लगे होने की वजह से आपके तत्काल हस्तक्षेप की बहुत जरूरत है। अगर परेशान किसानों को राहत पहुंचाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाते हैं तो मैं आपका बहुत आभारी रहूंगा।''
वैसे तो पवार ने महाराष्ट्र के किसानों के मुद्दे पर पीएम से मुलाकात की है, लेकिन इसे राज्य में जारी सरकार गठन की कवायद से भी जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि शिवसेना ने इस मुलाकात को सामान्य बताया है और किसी प्रकार की खिचड़ी पकने की बात से इनकार किया है।
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद NCP चीफ शरद पवार ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान मैंने उन्हें वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट में 21 जनवरी से 2 फरवरी 2020 तक होने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन और प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया है। सम्मेलन का विषय चीनी और संबंद्ध उद्योगों में नवाचार और विविधीकरण है।"
During my meeting with @PMOIndia today, I invited him to inaugurate a three day conference & exhibition at Vasantdada Sugar Institute from 31st Jan to 2nd Feb 2020. The theme of the conference is 'Sustaiability – Innovation & diversification in sugar and allied industry. pic.twitter.com/AHOsGwlkHv
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) November 20, 2019
जब शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मीडिया के सवाल पर कहा कि पवार साहब किसान नेता हैं। वह प्रधानमंत्री से मिलकर महाराष्ट्र के किसानो की हालत बताएंगे। उन्होंने कहा, 'पवार साहब प्रधानमंत्री से मिलकर राज्य के किसानों के लिए ज्यादा-से-ज्यादा राहत की मांग करेंगे।' उन्होंने फिर दावा किया कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार जरूर बनेगी जिसका रास्ता गुरुवार तक साफ हो जाएगा।
इस बीच, कांग्रेस और एनसीपी के नेता बुधवार शाम को महाराष्ट्र के लिए सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) पर चर्चा करेंगे और इस दौरान उनके राज्य में सरकार बनाने के लिए शिवसेना के साथ गठबंधन करने को लेकर भी वार्ता होने की उम्मीद है।
सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को होने वाली बैठक में जहां कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल, पृथ्वी राज चव्हान, अशोक चव्हान और प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट शामिल हो सकते हैं। वहीं एनसीपी की तरफ से प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, अजीत पवार, छगन भुजबल और जयंत पाटिल के बैठक में हिस्सा लेने की संभावना है।
सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि अगले हफ्ते तक सरकार का गठन हो सकता है। उधर, शिवसेना का कहना है कि एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार गठन पर बातचीत जारी है।
शिवसेना के सांसद राउत ने कहा, 'सरकार बनाने की प्रक्रिया अगले 5-6 दिनों में पूरी हो जाएगी और दिसंबर से पहले महाराष्ट्र में एक लोकप्रिय और मजबूत सरकार का गठन किया जाएगा। प्रक्रिया चल रही है।'
बता दें कि इससे पहले शिवसेना ने तीन दशक से अधिक समय तक अपने सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी से 50:50 फॉर्मूले पर सहमति नहीं बनने के बाद नाता तोड़ लिया था। शिवसेना की मांग थी कि ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा और ढाई साल बीजेपी का मुख्यमंत्री बनेगा। बीजेपी ने शिवसेना की इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया था कि इस तरह के किसी भी समझौते पर सहयोगी दल के साथ कोई चर्चा नहीं की गई।