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राज्य के चुनावी नतीजे आने के 2 सप्ताह से भी अधिक का समय बीत जाने के बाद महाराष्ट्र में जारी उठा-पटक के बीच राजयपाल भगत सिंह कोश्‍यारी ने शनिवार, 9 नवंबर की शाम बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सरकार बनाने का न्योता दिया है। बीजेपी को 11 नवंबर तक बहुमत साबित करना होगा।

हालांकि राज्य में अभी तक नई सरकार के गठन को लेकर स्थिति साफ़ नहीं है। नतीजे आने के बाद से सहयोगी दल शिवसेना से बढ़ी तल्खियों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शुक्रवार शाम राजयपाल भगत सिंह कोश्‍यारी से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया था। हालांकि अभी वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में पद पर आसीन हैं।

गौरतलब है कि बीजेपी और शिवसेना, दोनों के पास एक साथ रहकर अगली सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें हैं लेकिन सत्ता में बराबर की साझेदारी खासकर मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों के बीच खींचतान जारी है। शिवसेना का दावा है कि दोनों पार्टियों ने लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी में तय किया था कि राज्य में पदों की बराबर साझेदारी होगी।

पार्टी के अनुसार, बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद सहयोगी दल के साथ साझा करने की व्यवस्था का पालन नहीं किया है। महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से सरकार गठन को लेकर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। बीजेपी ने ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद साझा करने की शिवसेना की मांग को खारिज कर दिया है।

इस्तीफ़ा देने के बाद शिवसेना के दावों को खारिज करते हुए फडणवीस ने जोर देकर कहा था कि 'मेरी मौजूदगी में' दोनों दलों द्वारा मुख्यमंत्री पद की साझेदारी को लेकर कोई समझौता नहीं किया गया था।'

फडणवीस ने दावा किया था कि उन्होंने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से गतिरोध तोड़ने के लिए फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन, 'उद्धव जी ने मेरा फोन नहीं उठाया।'

महाराष्ट्र में 288 सीटों के लिये 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिली थीं जो सरकार बनाने के लिये जरूरी 145 के आंकड़े से ज्यादा है, लेकिन मुख्यमंत्री किस पार्टी का होगा इसे लेकर जारी गतिरोध के चलते अब तक नयी सरकार का गठन नहीं हुआ है। चुनावों में बीजेपी के खाते में 105 सीटें आई हैं जबकि शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं।