जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के कई प्रावधानों को खत्म करने के फैसले पर कांग्रेस के नेता एकमत नजर नहीं आ रहे। अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व राजा हरि सिंह के बेटे कर्ण सिंह भी सरकार के फैसले का समर्थन करते नजर आए। उन्होंने कहा कि इस फैसले के लिए सरकार की पूरी तरह से आलोचना करना ठीक नहीं होगा।
पूर्व सांसद कर्ण सिंह ने राज्य को 2 केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के सरकार के फैसले पर कहा कि इसकी पूर्ण रूप से निंदा करना सही नहीं होगा। इसमें कई सकारात्मक बिंदु भी हैं। कांग्रेस के आधिकारिक रुख से अलग राय जाहिर करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व सदर-ए-रियासत सिंह ने एक बयान में कहा, 'मुझे यह स्वीकार करना होगा कि संसद में तेजी से लिए गए निर्णयों से हम सभी हैरान रह गए।'
फैसले पर देश भर से मिल रही प्रतिक्रिया पर कांग्रेस नेता ने कहा, 'ऐसा लगता है कि इस बहुत बड़े कदम को जम्मू और लद्दाख सहित पूरे देश में भरपूर समर्थन मिला है। मैंने इस हालात को लेकर बहुत सोच-विचार किया है। निजी तौर पर मैं इस घटनाक्रम की पूरी तरह निंदा किए जाने से सहमत नहीं हूं। इसमें कई सकारात्मक बिंदु हैं। लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाने का निर्णय स्वागत योग्य है। दरअसल, सदर-ए-रियासत रहते हुए मैंने 1965 में इसका सुझाव दिया था।'
बता दें कि संसद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी अनुच्छेद 370 के कई प्रावधानों को समाप्त कर दिया है। इस प्रस्ताव संबंधी संकल्प और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी गई है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने की बुधवार को घोषणा की। सरकार के इस फैसले का कांग्रेस के ही कई नेताओं ने समर्थन भी किया है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।