महबूबा मुफ़्ती
महबूबा मुफ़्तीANI

बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती को मुख्यमंत्री बनाकर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ मिलकर तीन साल तक जम्मू और कश्मीर में गठबंधन सरकार चलाई. 19 जून को बीजेपी के पीडीपी से समर्थन वापस लेने के बाद से राज्य में राज्यपाल शासन लागू है. ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है जिनमे मुख्य रूप से बीजेपी पर पीडीपी के विधायकों को तोड़ने की कोशिश करने के आरोप भी शामिल हैं.

पार्टी में पड़ रही फूट के बीच मुफ्ती ने इशारों-इशारों में बीजेपी को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दिल्ली ने पीडीपी को तोड़ने की कोशिश की तो और सलाहुद्दीन और यासीन मालिक पैदा होंगे. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उन्होंने कहा, "अगर दिल्ली ने 1987 की तरह लोगों से उनके मतदान का अधिकार छीना, यदि उसने बंटवारे की कोशिश की और उस समय की तरह हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो मुझे लगता है कि 1987 की तरह ही हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख सलाहुद्दीन और यासीन मालिक पैदा होंगे."

बीजेपी को धमकी देने के अंदाज में पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "यदि इस बार पीडीपी को तोड़ने की कोशिश की गई और हक पर डाका डाला गया तो हालात पहले से ज्यादा खराब होंगे."

गौरतलब है कि सरकार के गिरने के बाद से पीडीपी के 6 विधायकों ने पार्टी से बगावत की है. इन सभी बगावती विधायकों का कहना है कि पीडीपी फैमिली डेमोक्रेटिक पार्टी बन गई है. बागी विधायकों में जावेद बेग, यासिर रेशी, अब्दुल मजीद, इमरान अंसारी, अबीद हुसैन अंसारी और मोहम्मद अब्बास वानी शामिल हैं.

मुफ्ती के बयान पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और जम्मू और कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा है कि किसी पार्टी के टूटने से कोई नया आंतकी नहीं बनेगा. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, 'मैं आपको साफतौर पर यह याद दिलाना चाहता हूं कि पीडीपी के टूटने से कोई नया आतंकी नहीं बनेगा. लोग उस पार्टी के अंत पर शोक नहीं मनाएंगे जिसका निर्माण ही दिल्ली में कश्मीरियों के मतों को बांटने के लिए हुआ था."