पाकिस्तान द्वारा अपनी जमीन पर जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर की उपस्थिति को स्वीकार किए जाने के दो दिन बाद, खबरें आई है कि बालाकोट में आतंकी शिविरों पर भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए हवाई हमलों में उसकी मौत हो गई है.
हालांकि, अभी तक पाकिस्तान सेना या सरकार की ओर से इस खबर की पुष्टि नहीं की गई है. कुछ मीडिया संस्थानों ने दावा किया है कि हवाई हमले के दौरान जैश प्रमुख गंभीर रूप से घायल हो गया था और सेना अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
इससे पहले ऐसे ख़बरें थीं कि मसूद अजहर गुर्दे की गंभीर बीमारी से पीड़ित है और रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है.
हालांकि, "अफवाहों को दूर करते हुए", जैश प्रमुख के करीबी पारिवारिक सूत्रों ने कथित तौर पर जियो न्यूज को बताया कि वह जीवित है. न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, "नया पाकिस्तान कार्यक्रम में जियो न्यूज से बात करते हुए विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि वे मसूद अजहर के स्वास्थ्य की स्थिति से पूरी तरह अनजान हैं."
बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हाल ही में बताया था कि मसूद अजहर बहुत बीमार है और वह पाकिस्तान में ही है. जब उनसे पूछा गया कि क्या मसूद पाकिस्तान में हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, "वे पाकिस्तान में ही हैं, वे बीमार हैं, वे इतने बीमार हैं कि अपने घर से बाहर भी नहीं निकल सकते. वे बहुत बीमार हैं."
रविवार को, कई मीडिया संस्थानों ने बताया था कि जैश प्रमुख की मौत हो चुकी है और इस खबर से जुड़े कुछ ट्वीट्स नीचे हैं:
#BREAKING: Reports suggest Maulana Masood Azhar is dead, he died on March 2. To be formally announced after intimation from Army hospital, Islamabad: Top Intel Sources. Input: @manojkumargupta, @Zakka_Jacob with more details
— News18 (@CNNnews18) March 3, 2019
CNN-News18 is trying to independently verify the news pic.twitter.com/ntFVMBPvFF
#BREAKING
— TIMES NOW (@TimesNow) March 3, 2019
Reports suggest that Maulana Masood Azhar is dead. | Reports yet to be confirmed. | Pradeep Dutta shares details. pic.twitter.com/GXz9ylIKwq
Terrorist Maulana Masood Azhar, head of Pakistan-backed Jaish-e-Mohammad, dead: Sourceshttps://t.co/i8KWh5XOPW
— Zee News (@ZeeNews) March 3, 2019
बता दें कि मसूद अजहर का जन्म पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ था. उसकी पढ़ाई कराची के जामिया उलूम उल इस्लामिया में हुई और वह हरकत-उल-अंसार से जुड़ गया. और यहीं से उसने आतंकी गतिविधियां शुरू की. वह 1994 के करीब श्रीनगर आ गया. उसे उसी साल फरवरी में गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में डाल दिया गया. आतंकियों ने मसूद अजहर को छुड़ाने की कोशिश शुरू की. 1995 में जम्मू-कश्मीर से कुछ विदेशी पर्यटकों को अगवा कर लिया गया. आतंकियों ने पर्यटकों को छोड़ने के बदल मसूद अजहर को जेल से रिहा करने की मांग शुरू की. लेकिन आतंकियों की चंगूल से एक विदेशी पर्यटक फरार हो गया. बाद में आतंकियों ने सभी पर्यटकों की हत्या कर दी.
इसके बाद 1999 में आतंकी मसूद अजहर को छुड़वाने में कामयाब रहे. दरअसल, दिसंबर 1999 में काठमांडू एयरपोर्ट से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, नई दिल्ली जाने वाली भारतीय विमान IC814 को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया और विमान को लेकर अफगानिस्तान के कंधार चले गए.
विमान में कुल 178 सवार थे. आतंकियों ने यात्रियों को छोड़ने के बदले मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद ज़रगर को रिहा करने की मांग की. पूरे हाईजैक के पीछे मसूद अजहर के छोटे भाई अब्दुल रऊफ असगर का हाथ था. तमाम चर्चाओं के बाद अजहर समेत तीनों आतंकियों को जम्मू की कोट भलवाल कारावास से निकालकर कंधार ले जाया गया. जिसके बाद आतंकियों ने सभी यात्रियों को रिहा कर दिया. मसूद अजहर ने उसके बाद साल 2000 में जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया और वह लगातार कश्मीर में युवाओं को भड़काने और आजादी की बात करता रहा है.