सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरCreative Commons

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम ने अफ़ग़ानिस्तान से हेरोइन के आयात, पुनर्गठन और वितरण में शामिल एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ करते हुए अफगान हेरोइन की लगभग 150 किलोग्राम की खेप जब्त की गई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी कीमत लगभग 600 करोड़ रुपये है।

यह दिल्ली से जब्त की गई अबतक की सबसे बड़ी खेप है। स्पेशल सेल का कहना है कि यह ड्रग कार्टेल अबतक भारत में 5 हजार करोड़ रुपये तक की हेरोइन ला चुका है। खास बात यह है कि ड्रग्स को बहुत ही शातिराना तरीके से खाली बोरियों के जरिए अफगान से दिल्ली लाया जाता है।

इस खुलासे से भारत और अफगानिस्तान के बीच मसाला, मसालों के व्यापार की भयावह तस्वीर और अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट्स द्वारा इसे एक कवर के रूप में उपयोग करने का पता चला है। ऑपरेशन का पैमाना इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत में हेरोइन के पुनर्गठन और प्रकिया की देखरेख के लिए अफगानिस्तान के जलालाबाद के रासायनिक विशेषज्ञों को शामिल किया गया।

स्पेशल सेल से मिली जानकारी के मुताबिक, अफगानिस्तान से इंपोर्ट करके दिल्ली लाई जाने वाली जीरे की बोरी में हेरोइन की स्मगलिंग की जाती थी। जूट की बोरियों को अफगानिस्तान में लिक्विड हेरोइन में डुबो दिया जाता था। बोरियों के सूख जाने के बाद बोरियों में जीरा भरकर दिल्ली इंपोर्ट किया जाता था। इसके बाद बोरियों को वे लोग दिल्ली में जाकिर नगर स्थित फैक्ट्री में ले जाकर कई तरह के केमिकल में भिगोते थे। इन गीली बोरियों को सुखाकर इनके रेसों में चिपटी हेरोइन को खास तकनीक से पाउडर रूप में बदला जाता था। इसके बाद बोरियों को जला दिया जाता था। जूट की एक बोरी से कम से कम एक किलो हेरोइन निकलती थी। इससे एक खाली बोरी की कीमत करीब चार करोड़ रुपये हो जाती थी। बोरियों में हेरोइन की स्मगलिंग करने का यह तरीका एकदम नया और हैरान करने वाला है।

हेरोइन को अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते होते हुए दिल्ली लाया जाता था। पुलिस ने करीब 120 दिनों तक चले अपने ऑपरेशन के बाद इस रैकिट का पर्दाफाश किया। पुलिस के मुताबिक पाकिस्तान-अफगानिस्तान के ड्रग तस्करों का यह सिंडिकेट ड्रग्स में डूबे जूट के धागों को जलालाबाद से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भेजता था। इसके बाद उसकी बोरियां बना दी जाती थीं। इसके बाद मसाले और अन्य सामान भरकर बोरियां दिल्ली में रह रहे कश्मीर के मसाला कारोबारियों तक पहुंचाई जाती थीं। दिल्ली में बोरियां खाली की जातीं और स्मग्लर उन्हें अपने साथ ले जाते। फिर साउथ दिल्ली की इस फैक्ट्री में उन बोरियों से हेरोइन को अलग किया जाता था।

जाकिर नगर की ड्रग्स फैक्ट्री से कुल तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई। इसमें दो अफगानिस्तानी हैं। लाजपत नगर इलाके से दो और मुलजिम पकड़े गए। उनसे स्पेशल सेल ने 600 करोड़ रुपये की कीमत की 150 किलो हेरोइन जब्त की। उनके पास से चार लग्जरी कार, दो पिस्टल और 20 जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए। गिरफ्तार मुलजिमों में अफगानिस्तान के रहने वाले शिनवारी रहमत गुल (30) और अख्तर मोहम्मद शिनवारी (31) हैं। उनके अलावा वकील अहमद (36), रईस खान (43) और धीरज उर्फ दीपक (21) को भी गिरफ्तार किया गया है। वकील जामिया नगर बटला हाउस का, धीरज बल्लभगढ़ (हरियाणा) और रईस महारानी बाग का रहने वाला है।

स्पेशल सेल के डीसीपी मनीषी चंद्रा ने बताया कि एसीपी ललित मोहन नेगी व हृदय भूषण की टीम को पिछले कुछ महीनों से सूचना मिल रही थी कि जामिया नगर इलाके से रात बारह बजे के बाद लग्जरी कारों का एक काफिला निकालता है।

निगरानी से पता चला कि ड्रग माफिया लग्जरी सेडान कार के एक बेड़े का काफिले में उपयोग कर रहा था। काफिला देर रात या तड़के दिल्ली से बाहर निकल जाता और तब तक नहीं रुकता जब तक वह पंजाब और अन्य पड़ोसी राज्यों तक न पहुंच जाए। इसका भंडाफोड़ करने के लिए अनुभवी सूत्रों को सावधानीपूर्वक चुन कर तैनात किया गया और गहन तकनीकी निगरानी रखी गई।

टीम की मेहनत तब रंग लाई जब 17 जुलाई की देर शाम जानकारी मिली कि काफिला लाजपत नगर में एक स्थान पर इकट्ठा होगा और बड़ी मात्रा में तस्करी होने की उम्मीद है। स्पेशल सेल ने तुरंत एक बड़ी टीम को इकट्ठा किया और कार्रवाई में लगाया। एक और इनपुट मिला कि आश्रम फ्लाईओवर के पास काफिले के पहुंचने की उम्मीद है। एक जाल बिछाया गया और लगभग आधी रात को दो अलग-अलग कारों में सवार दो व्यक्तियों को पकड़ लिया गया।

दोनों की कारों से 30-30 किलो हेरोइन बरामद की गई, जो कि पिछली सीट के नीचे बनी विशेष जगहों पर छिपाकर रखी हुई थी। इनसे पूछताछ के बाद पुलिस ने जाकिर नगर में दबिश दी और वहां से दो अफगान नागरिक शिनवारी रहमत गुल और अख्तर मोहम्मद शिनवारी को गिरफ्तार कर लिया।

जाकिर नगर में आरोपियों ने केमिकल के जरिये हेरोइन को फिर से तैयार करने की यूनिट लगा रखी थी। इस यूनिट से 60 किलो हेरोइन बरामद की गई। यूनिट के बाहर से पांचवें आरोपी जामिया नगर निवासी वकील अहमद को गिरफ्तार कर लिया। उसने अपनी कार में 30 किलो हेरोइन छिपा रखी थी।

पुलिस ने यूनिट से हेरोइन को फिर से तैयार करने के उपकरण, केमिकल व चार लग्जरी कारें बरामद की हैं। इसके अलावा आरोपियों के कब्जे से दो सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल और 20 कारतूस बरामद किए गए हैं। पुलिस मौके की फॉरेंसिक जांच करवाएगी। साइट पर पाए गए प्रोसेसिंग सेट-अप और बरामद हेरोइन की मात्रा के बारे में यह अनुमान लगाया गया कि इस खेप को वास्तव में कहीं और प्रोसेस किया गया और इस जगह का उपयोग सिर्फ सुरक्षित स्थान के रूप में किया गया था।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार शिनवारी रहमत गुल (30) लगातार भारत आता रहता था। उसे अफगानिस्तान की हेरोइन फैक्टरी में काम करने का अनुभव है। इस सिंडिकेट ने उसे यूनिट में फिर से हेरोइन तैयार करने के लिए भारत बुलाया गया था। अख्तर उसकी सहायता करता था। धीरज एक्सपर्ट ड्राइवर था। बाकी दोनों हेरोइन सप्लाई करते थे।