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IANS

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत का रुख किया है. मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनकी इस अपील पर दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत आज फैसला सुना सकती है. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला वाड्रा के करीबी सहयोगी सुनील अरोड़ा से जुड़ा हुआ है. इसी मामले में वाड्रा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट का रुख किया है.

बता दें कि वाड्रा के करीबी सहयोगी कहे जाने वाले सुनील अरोड़ा के खिलाफ ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. इस मामले में अरोड़ा को कोर्ट से 6 फरवरी तक के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत मिल चुकी है. यह मामला लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्क्वेयर स्थित 19 लाख पाउंड (करीब 17 करोड़ रुपये) की एक प्रॉपर्टी की खरीदारी में कथित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है. ईडी का दावा है कि इस संपत्ति के असल मालिक वाड्रा हैं.

आरोप ये है कि लंदन स्थित इस संपत्ति को 19 लाख पाउंड में संजय भंडारी ने खरीदा था और 2010 में इसे इतनी ही राशि में बेच दिया गया. जबकि उन पर करीब 65,900 पाउंड खर्च किया गया था, बावजूद इसके उतने ही दामों में पॉपर्टी रॉबर्ट वाड्रा को बेची गई.

ईडी ने अदालत को बताया था कि यह इस तथ्य पर विश्वास दिलाता है कि भंडारी संपत्ति का वास्तविक मालिक नहीं था, बल्कि वाड्रा के पास इसका स्वामित्व था, जो इसके नवीकरण पर खर्च कर रहे थे.

ईडी ने आरोप लगाया था कि मनोज अरोड़ा, रॉबर्ट वाड्रा के स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी के एक कर्मचारी हैं. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि अरोड़ा को वाड्रा की विदेश में अघोषित संपत्ति के बारे में पता था और वह धन की व्यवस्था करने में मददगार था.

चुनावी माहौल में गांधी परिवार के दामाद ने अदालत में गिरफ्तारी से बचने की गुहार लगाई है. भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के चुनाव प्रचार में भी रॉबर्ट वाड्रा को मुद्दा बनाया था और अब यह मसला फिर गर्मा गया है. ऐसे में अगर कोर्ट से वाड्रा के खिलाफ कोई फैसला आता है तो कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका बन सकता है.