Corona

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोरोना वायरस फैलने के बाद फैले कुछ मिथकों को दूर करते हुए बुधवार को कहा कि इसका संक्रमण मच्छर के काटने से नहीं फैलता है।

इस धारणा पर कि हर किसी को खुद को इस वायरस से बचाने के लिए मास्क पहनना चाहिए, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ऐसे लोगों को मास्क पहनना चाहिए जिनमें बुखार, खांसी और जुकाम जैसे लक्षण हैं या वे स्वास्थ्य कर्मी हैं या पृथक इकाइयों की देखभाल करने का काम कर रहे हैं।

मंत्रालय ने इस वायरल संक्रमण के बारे में अफवाहों और गलत सूचनाओं को दूर किया जिसने भारत में 10 लोगों की जान ले ली है और 600 से अधिक लोगों को संक्रमित किया है। मंत्रालय ने कहा कि यह एक मिथक है कि केवल कोविड -19 के लक्षणों वाले लोग ही इस बीमारी को फैला सकते हैं।

उसने कहा, ''यहां तक ऐसे लोग भी कोविड-19 संक्रमण फैला सकते हैं जो इससे संक्रमित हैं लेकिन उनमें बीमारी के कोई भी लक्षण नहीं हैं।''

मंत्रालय ने साथ ही कहा कि यह एक मिथक है कि लहसुन खाने और शराब का सेवन करने से कोरोना वायरस को रोका जा सकता है। उसने कहा, ''लहसुन खाने और शराब पीने से कोविड-19 को नहीं रोका जा सकता।''

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सांकेतिक तस्वीरPTI

इससे इतर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से मुकाबले में समुदाय के बीच काम कर रहे कर्मियों की भूमिका को रेखांकित करते हुए बुधवार को कहा कि उन्हें बीमारी की रोकथाम के लिए समुदाय में अहम संदेशों को फैलाना चाहिए तथा संदिग्ध मामलों का जल्द पता लगाने में मदद करनी चाहिये।

उनकी भूमिका को रेखांकित करते हुए मंत्रालय ने कहा कि सामुदायिक कार्यकर्ताओं को ऐसे लोगों की सूची तैयार करने के लिए कहा जा सकता है जिन्होंने पिछले 14 दिनों में दूसरे देशों या अन्य राज्यों की यात्रा की है। वे ऐसे लोगों के नाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सा अधिकारी के साथ साझा करें लेकिन दूसरों के साथ उनके नाम साझा नहीं करें।

इसके अलावा ऐसे लोगों को घर में पृथक रहने के लिए बताएं। मंत्रालय ने बताया कि उन्हें खुद कोरोना वायरस की निगरानी करने और इस बारे में हेल्पलाइन नंबर पर अवगत कराने के लिए कहा जाएगा। उनसे सभी ऐहतियाती उपाए अपनाने के लिए कहा जाएगा जैसे कि सुरक्षित दूरी बनाए रखें, लगातार हाथ धोते रहें।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.