'लू' और रमजान को ध्यान में रखते हुए लोकसभा चुनाव के शेष चरणों का मतदान शुरू होने का समय सुबह 7 बजे से पहले सवेरे 5 बजे करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चुनाव आयोग से कहा कि वह इस बारे में आवश्यक आदेश जारी करे। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष इस सिलसिले में एक याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया गया था।
पीठ ने कहा, 'चुनाव आयोग को आवश्यक आदेश जारी करने का निर्देश दिया जाता है। उपरोक्त संदर्भों में रिट याचिका का निपटारा किया जाता है।' यह याचिका अधिवक्ता मोहम्मद निजामुद्दीन पाशा और असद हयात ने दायर की थी। इसके जरिए चुनाव के शेष चरणों में मतदान का समय सुबह सात बजे के बजाय दो से ढाई घंटे पहले, सुबह 4.30 या 5 बजे से करने का अनुरोध किया गया है।
Supreme Court asks Election Commission to decide on pleas for re-scheduling the voting time from 7 am to 5 am in General Election during the month of Ramzan coinciding with the rest of the phases and due to heat-wave conditions in Rajasthan and other areas. pic.twitter.com/Nd952ZxZQ4
— ANI (@ANI) May 2, 2019
याचिकाकर्ताओं ने चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव के पांचवें, छठे और सातवें चरण के मतदान के लिए मतदान का समय दो से ढाई घंटे पहले करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। आपको बता दें कि शेष तीन चरणों के तहत क्रमश: 6 मई, 12 मई और 19 मई को मतदान होना है। याचिका में कहा गया है कि चुनाव के इन शेष चरणों के दौरान देश के कई हिस्सों में 'लू' चलने की परिस्थितियां मौजूद होंगी और रमजान का महीना भी रहेगा।
याचिका में कहा गया है कि रमजान का महीना छह मई से शुरू होने की संभावना है, जिस दिन पांचवें चरण का मतदान है। रमजान के दौरान मुसलमान रोजा रखते हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने इस सिलसिले में सोमवार को आयोग को एक ज्ञापन दिया था लेकिन आयोग ने इसका जवाब नहीं दिया। इसमें यह भी कहा गया है कि मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में प्रचंड 'लू' चलने की चेतावनी दी है।
इस दौरान चुनावी राज्यों- मध्य प्रदेश, बिहार, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, झारखंड, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में तापमान सामान्य से पांच डिग्री ज्यादा हो जाता है। याचिका में कहा गया है कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के चलते मुसलमानों का घरों से बाहर निकलना और वोट देने के लिए कतार में खड़े रहना मुश्किल होगा। साथ ही सुबह की नमाज और सहरी करने के बाद ज्यादातर लोग (रोजा रखने वाले) आराम करते हैं।