चीन में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से भारतीय वाहन विनिर्माण उद्योग पर असर पड़ने लगा है। टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एमजी मोटर इंडिया जैसी वाहन कंपनियों ने रविवार को कहा कि चीन से कल-पुर्जों की आपूर्ति बाधित होने से दिक्कतें आने लगी हैं। हालांकि मारुति सुजुकी, हुंदै और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर जैसी वाहन कंपनियों को उत्पादन पर फिलहाल कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के बिक्री एवं विपणन प्रमुख (वाहन खंड) विजय राम नाकरा ने एक बयान में कहा, ''चीन से कल-पुर्जों की आपूर्ति में आ रही बाधाओं के कारण भारत स्टेज-6 वाहनों का उत्पादन प्रभावित हुआ है।''
उन्होंने कहा कि इसका असर वाहनों के भंडार पर पड़ा है और अभी डीलरों के पास बमुश्किल 10 दिनों की मांग की पूर्ति के लायक वाहन बचे हैं।
नाकरा ने कहा, ''मार्च में स्थितियों के सामान्य होने से पहले कुछ सप्ताह तक कल-पुर्जों की आपूर्ति में बाधाएं जारी रहने का अनुमान है।'' कंपनी की कुल बिक्री फरवरी महीने में 42 प्रतिशत गिरकर 32,476 इकाइयों पर आ गयी है।
टाटा मोटर्स लिमिटेड के प्रमुख (यात्री वाहन कारोबार) मयंक पारीक ने कहा कि चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण तथा एक महत्वपूर्ण वेंडर के संयंत्र में आग लगने से वाहनों का उत्पादन तथा थोक बिक्री पर असर पड़ा है। कल-पुर्जों की आपूर्ति बाधित होने से एमजी मोटर इंडिया की बिक्री भी फरवरी में महज 1,376 इकाइयां रही है।
कंपनी के निदेशक (बिक्री) राकेश सिदाना ने एक बयान में कहा, ''एमजी जेडएस ईवी को बाजार में उतारे जाने के पहले महीने में ही शानदार प्रतिक्रिया मिली है और हम पहले ही उपभोक्ताओं को इसकी 150 से अधिक इकाइयों की आपूर्ति कर चुके हैं।''
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण कंपनी की सूरोप व चीन की आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है। इससे फरवरी में उत्पादन तथा बिक्री पर असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि मार्च में भी बिक्री पर असर बना रहेगा।
उन्होंने कहा, ''हम स्थिति संभालने का प्रयास कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि मार्च अंत तक स्थितियां सामान्य हो जाएंगी।''
इनसे उलट मारुति सुजुकी, हुंदै और टोयोटा किर्लोस्कर ने कहा है कि उन्हें चीन स्थित संयंत्रों से कल-पुर्जों की आपूर्ति बाधिक होने के कारण उत्पादन पर फिलहाल कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है।
हालांकि इन कंपनियों ने कहा है कि वे स्थिति पर विशेषकर प्रमुख आपूर्तिकताओं पर कड़ी निगाहें बनाये हुए हैं, ताकि यदि भविष्य में कोई प्रतिकूल परिस्थिति सामने आये तो उसका सामना किया जा सके।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.