-
Twitter / @ANI

भारत की हवाई ताकत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी प्रक्रिया के तहत भारतीय वायुसेना को बिल्डिंग ब्लास्टर स्पाइस-2000 बम मिलने शुरू हो गए हैं। ये उन बमों का उन्नत संस्करण हैं जिन्होंने बीती फरवरी में पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी अड्डे पर कहर बरपाया था। ये बम ग्वालियर स्थित वायुसेना के अड्डे को मिल रहे हैं।

ग्वालियर हवाई अड्डा देश में मिराज-2000 लड़ाकू विमानों का मुख्य ठिकाना है। इसी विमान से इजरायली स्पाइस-2000 बम गिराए जा सकते हैं। भारतीय वायुसेना ने आपात खरीद प्रक्रिया के तहत जून में ही इजरायल की फर्म के साथ मार्क 84 वारहेड और बमों की खरीद का 250 करोड़ रुपये का सौदा किया था। इस सौदे के तहत 100 से ज्यादा स्पाइस-2000 बम खरीदे जाने हैं।

आपात खरीद की यह व्यवस्था मोदी सरकार ने शुरू की है। इसके तहत तीनों सेनाएं अपनी जरूरत के हथियार और गोला-बारूद लंबी प्रक्रिया में जाए बगैर कुछ महीनों में खरीद सकती हैं। बालाकोट हमले की सफलता के बाद वायुसेना ने इन बमों की बड़ी संख्या में जरूरत महसूस की।

नए आयातित बम बालाकोट हमले में प्रयुक्त बमों से ज्यादा शक्तिशाली हैं और बड़ी इमारत को पूरी तरह से नेस्तनाबूद करने में सक्षम हैं। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकाना बर्बाद किया था।

स्पाइस-2000 बमों को ग्वालियर एयरबेस पहुंचाया गया है, क्योंकि यह भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 लड़ाकू विमानों का बेस है। मिराज 2000 ही एकमात्र लड़ाकू विमान हैं जो इजरायल के इन बमों को अपने साथ ले जाने में सक्षम हैं।

बता दें कि भारतीय वायु सेना ने मार्क 84 युद्धक और बमों के साथ इजरायल के साथ 250 करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं, जो इमारतों को पूरी तरह से नष्ट कर सकते हैं। भारतीय वायुसेना ने 100 से अधिक स्पाइस 2000 बमों की खरीद के लिए जून में इजरायल के साथ करार किया था।

दरअसल इजरायल के साथ इस अनुबंध पर हस्ताक्षर इसलिए किए गए थे, क्योंकि पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ बालाकोट हवाई हमले में इन बमों ने तबाही मचाई थी।

इसके बाद भारतीय वायु सेना ने इसे खरिदने की कवायद शुरू की। इजरायल भारतीय वायुसेना के मुख्य हथियारों और गोला-बारूद आपूर्तिकर्ताओ में से एक है।

पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला किया था। इस दौरान वायु सेना के मिराज-2000 विमानों ने नियंत्रण रेखा को पार कर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में जैश के आतंकी ठिकानों पर स्पाइस -2000 बम गिराए थे।

स्पाइस-2000 बमों ने जैश शिविर में कंक्रीट की छतों में छेद बनाकर अंदर घुसे थे। ये बम इमारतों को नष्ट नहीं करत पाते, लेकिन 70 से 80 किलो विस्फोटक होने के कारण अंदर भारी तबाही मचाते हैं।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।