सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरCreative Commons

देश की 1,400 जेलों में बंद 4.33 लाख कैदियों में से 67 प्रतिशत कैदी विचाराधीन हैं। इसके अलावा 1,942 बच्चे भी हैं जो अपनी माताओं के साथ जेल में रह रहे हैं। इस सप्ताह जारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो(एनसीआरबी) जेल आंकड़े-2016 से यह खुलासा हुआ है।

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार 31 दिसंबर 2016 तक कुल 4,33,003 कैदी जेल में बंद थे। इन कैदियों में 1,35,683 दोषी, 2,93,058 विचाराधीन और 3,089 निरुद्ध किये गये थे।

जेल में बंद विचाराधीन और दोषी कैदियों की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। आंकड़ों के अनुसार कुल कैदियों में 67.7 प्रतिशत कैदी विचाराधीन, 31 प्रतिशत दोषी और 0.7 प्रतिशत निरुद्ध किये हुए हैं।

इन कैदियों में 1,649 महिलाएं भी हैं जो अपने 1,942 बच्चों के साथ जेल में हैं। नियमों के मुताबिक छह साल तक के बच्चों को मां के साथ जेल में रहने की इजाजत है।

रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में विचाराधीन कैदियों की संख्या 2,82,879 थी जो 2016 में बढ़कर 2,93,058 हो गई। 2014 से 2016 के बीच इन कैदियों की संख्या में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

एनसीआरबी के अनुसार उत्तर प्रदेश की जेलों में सर्वाधिक 68,432 विचाराधीन कैदी हैं, जो कुल संख्या का 23.4 प्रतिशत है। इसके बाद बिहार (27,753 विचाराधीन कैदी, 9.5 प्रतिशत) और महाराष्ट्र (22,693 विचाराधीन कैदी, 7.7 प्रतिशत) का नंबर आता है। यह आंकड़े 2016 के अंत तक के हैं।

महिलाओं में 400 महिलाएं (459 बच्चों के साथ) दोषी हैं जबकि 1,192 महिलाएं (1,409 बच्चों के साथ) विचाराधीन कैदी हैं।

इसके अलावा 6,370 कैदी विदेशी हैं, जो कुल संख्या का 1.5 प्रतिशत है। रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में दोषी कैदियों की संख्या 1,31,517 थी जो 2016 में बढ़कर 1,35,683 हो गईं। इस अवधि के दौरान दोषी कैदियों की संख्या में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई।