तुलसी रामसे
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'वीराना', 'बंद दरवाजा' और 'पुरानी हवेली' जैसी हॉरर फिल्मों का निर्देशन करने वाले निर्देशक तुलसी रामसे का शुक्रवार को 77 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके परिवार के एक सदस्य के मुताबिक, 'उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की जिसके बाद उनका बेटा उन्हें कोकिलाबेन अस्पताल ले गया. जहां उन्हें डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक उनका निधन तड़के करीब ढाई बजे हुआ.'

भारतीय सिनेमा में हॉरर श्रेणी की फिल्मों में सबसे लंबे समय तक रामसे ब्रदर्स का दबदबा था. तुलसी रामसे, एफ यू रामसे के पुत्र थे और सात भाइयों में एक थे.

तुलसी रामसे ने अपने छह भाइयों कुमार रामसे, श्याम रामसे, केशु रामसे, अर्जुन रामसे, गांगु रामसे और किरण रामसे के साथ मिलकर 80 और 90 के दशक के दौरान उद्योग में डरावनी शैली की फिल्मों को लोकप्रिय बनाने में एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

रामसे ब्रदर्स की फ़िल्मों को भले ही सिनेमाई गुणवत्ता के लिहाज़ से बी-ग्रेड माना गया हो, मगर बिकिनी और नाइटी पहनने वाली हीरोइन के भड़काऊ अंग प्रदर्शन के चलते फ़िल्मों को दर्शकों की कमी नहीं होती थी. हॉरर तो था ही. हॉरर जॉनर के लिए समर्पित रहने की वजह से रामसे ब्रदर्स को हॉरर मास्टर कहा जाने लगा था.

छोटे नगरों और क़स्बों के कई सिनेमाघर एक निश्चित अंतराल के बाद रामसे ब्रदर्स की फ़िल्मों का प्रदर्शन करते रहते थे, क्योंकि एडल्ट सर्टिफिकेट के साथ आने वाली उनकी फ़िल्में सिनेमाघर मालिकों के लिए आय का भरोसेमेंद ज़रिया हुआ करती थीं.

उन्होंने 'दो गज जमीन के नीचे', 'होटल', 'पुराना मंदिर' जैसी हॉरर फिल्मों के अलावा 90 के दशक की टीवी सीरीज 'जी हॉरर शो' का भी निर्देशन किया था.