अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट खत्म होने के बाद भारत ने इसी महीने ईरान से क्रूड ऑइल खरीदना बंद कर दिया। अब अमेरिका ने भारत को नई टेंशन दे दी है। सोमवार को अमेरिका ने कहा कि वह भारत को ईरान के सस्ते तेल का आयात रोकने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए रियायती दर पर अपना कच्चा तेल बेचने का भरोसा नहीं दे सकता है। ट्रेड फोरम में हिस्सा लेने भारत आए अमेरिकी कॉमर्स सेक्रटरी विल्बर रॉस ने यह बात कही।
रॉस ने कहा, 'तेल पर मालिकाना हक निजी हाथों में है इसलिए सरकार दाम में छूट देने के लिए लोगों पर दबाव नहीं बना सकती।' आपको बता दें कि ईरान से कच्चा तेल मंगाना भारतीय रिफाइनरीज के लिए फायदेमंद होता है। ईरान खरीदारों को भुगतान के लिए 60 दिन का समय देता है। यह सुविधा अन्य देशों जैसे सऊदी अरब, कुवैत, इराक, नाइजीरिया और अमेरिका के साथ उपलब्ध नहीं है।
अमेरिका ने भारत को आश्वस्त करते हुए यह भी कहा है कि वह सऊदी अरब और यूनाइटेड अरब अमीरात जैसे देशों से बातचीत कर रहा है जिससे भारत को अमेरिकी प्रतिबंधों में छूट न बढ़ने के बावजूद तेल की सप्लाई मिल सके। इस बीच, तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'भारतीय रिफाइनरीज की जरूरत के मुताबिक तेल की सप्लाई के लिए एक मजबूत योजना तैयार है।'
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नॉर्थ ब्लॉक में अमेरिकी ट्रेड सेक्रटरी विल्बर रॉस से मुलाकात की। इस दौरान ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों में छूट न बढ़ने के बाद तेल सप्लाई पर गहरा असर पड़ने की भारत की चिंता पर भी चर्चा हुई। इसके बाद भारत में अमेरिकी राजदूत केनिथ जस्टर ने पत्रकारों से बातचीत में तेल सप्लाई पर कोई असर न पड़ने का आश्वासन दिया।
रॉस और जस्टर ने कहा कि सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों के साथ अमेरिका बातचीत कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारत को तेल सप्लाई ठीक तरह से हो। रॉस ने कहा, 'अगर आपने हालिया आतंकी घटनाएं देखी हैं, तो आपको पता होगा कि ईरान एक समस्या है और हमें वह सब करना चाहिए जो आतंक के खिलाफ किया जा सकता है।'
आपको बता दें कि अमेरिका द्वारा ईरान से तेल आयात करने वाले देशों पर प्रतिबंधों में छूट न देने के बाद, भारत को भी 2 मई से ईरान से क्रूड ऑइल का आयात बंद करना पड़ा है। ट्रंप प्रशासन ने प्रतिबंधों पर मिलने वाली छूट आगे न बढ़ाने का फैसला किया जिससे भारत जैसे देशों को अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे ईरान से तेल का आयात बंद करना पड़ा।
उम्मीद की जा रही थी कि भारत सरकार ईरानी तेल सप्लाई के लिए अमेरिकी सरकार पर दबाव बनाएगी। चीन के बाद ईरान से क्रूड ऑइल खरीदने वाला भारत दूसरा सबसे बड़ा देश है। 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष (2018-19) में भारत ने ईरान से करीब 24 मिलियन टन क्रूड ऑइल खरीदा। ईरान ने अपनी तेल जरूरत का 10 गुना आयात किया। अब तेल सप्लाई की इस कमी को सऊदी अरब, कुवैत, यूएई और मेक्सिको जैसे देशों से पूरा किया जाएगा। 2018-19 में इराक और सऊदी अरब के बाद ईरान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयात करने वाला देश है।
गौरतलब है कि ईरान और विश्व की छह शक्तियों के बीच हुए परमाणु समझौते को ट्रंप द्वारा रद्द करने के बाद बीते साल नवंबर में अमेरिका ने ईरानी तेल के निर्यात पर प्रतिबंध दोबारा लगा दिया था। वॉशिंगटन ने हालांकि इस प्रतिबंध से ईरानी तेल के आठ प्रमुख खरीदारों-भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, तुर्की, इटली तथा ग्रीस को छह महीने तक की अवधि के लिए छूट दी थी। इस छूट के खत्म होने से एशियाई खरीदारों पर बड़ी मार पड़ेगी।