सांकेतिक तस्वीर
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भारत को पहली बार क्रिकेट विश्व कप जितवाने वाले पूर्व कप्तान कपिल देव का मानना है कि युवा और अनुभव के संयोजन तथा महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी के कारण भारत तीसरी बार विश्व कप जीत सकता है।

विश्व कप 30 मई से ब्रिटेन में शुरू होगा जिसमें दस टीमें एक दूसरे से राउंड रोबिन आधार पर भिड़ेंगी। भारत ने जो 15 सदस्यीय टीम चुनी है उसमें धोनी, कोहली, रोहित शर्मा, मोहम्मद शमी और शिखर धवन जैसे अनुभवी खिलाड़ी तथा जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पंड्या और कुलदीप यादव जैसे उदीयमान क्रिकेटर शामिल हैं।

भारत की 1983 विश्व विजेता टीम के कप्तान कपिल ने बुधवार को एक प्रचार कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, 'भारत के पास युवा और अनुभव का शानदार संयोजन है। वे अन्य टीमों से अधिक अनुभवी हैं। भारतीय टीम बेहद संतुलित है। टीम के पास चार तेज गेंदबाज, तीन स्पिनर हैं। उनके पास विराट कोहली और धोनी हैं।'

उन्होंने कहा, 'धोनी और कोहली ने भारत की तरफ से बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इन दोनों का जवाब नहीं।' इस दिग्गज ऑलराउंडर ने इसके साथ ही भारत के तेज आक्रमण की भी तारीफ की और कहा कि इंग्लैंड की परिस्थतियों में वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा, 'हमारे पास चार तेज गेंदबाजों का होना शानदार है और वे सभी अच्छे गेंदबाज है। मुझे लगता है कि इंग्लैंड की परिस्थतियों में उन्हें गेंद को स्विंग कराने में मदद मिलेगी। इसके अलावा शमी और बुमराह जैसे गेंदबाज 145 किमी की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं। भारतीय गेंदबाज स्विंग करा सकते हैं।'

भारत के पूर्व कोच रहे कपिल ने भविष्यवाणी की कि भारत के अलावा मेजबान इंग्लैंड और मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया भी सेमीफाइनल में पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि भारत जरूर शीर्ष चार में जगह बनाएगा। इसके बाद की राह मुश्किल होगी। सेमीफाइनल के बाद भाग्य तथा व्यक्तिगत और टीम प्रदर्शन आगे की राह तय करेगा।'

कपिल ने कहा, 'इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और भारत शीर्ष तीन टीमें हैं। ये टीमों अन्य टीमों की तुलना में अधिक मजबूत हैं। न्यू जीलैंड और वेस्ट इंडीज की टीमें अपने प्रदर्शन से हैरतअंगेज परिणाम दे सकती हैं।'

हार्दिक पंड्या की अक्सर कपिल देव से तुलना की जाती रही है। इस बारे में कपिल ने कहा, 'आपको हार्दिक पंड्या पर दबाव नहीं बनाना चाहिए। वह बेहद प्रतिभाशाली है। उसे अपना नैसर्गिक खेल खेलने दो। मुझे किसी की तुलना किसी से करना पसंद नहीं है। इससे खिलाड़ी पर दबाव बनता है।'