सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

भारत द्वारा अंतरिक्ष में ही सैटलाइट को मार गिराने वाली मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद पाकिस्तान ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि वह बाहरी अंतरिक्ष के सैन्यीकरण के खिलाफ है। दूसरी तरफ, चीन ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि हर देश बाहरी अंतरिक्ष में शांति बनाए रखेंगे। बता दें कि भारत ने धरती की निचली कक्षा में मौजूद एक लाइव उपग्रह को मार गिराकर एक दुर्लभ उपलब्धि अपने नाम किया है। इसका ऐलान पीएम मोदी ने किया। अमेरिका, रूस औऱ चीन के बाद भारत सैटलाइट को मार गिराने की क्षमता वाला चौथा देश बन गया है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा, 'अंतरिक्ष मानव जाति की साझा विरासत है और प्रत्येक देश की यह जिम्मेदारी है कि वह ऐसे किसी भी ऐक्शन से बचे जो अंतरिक्ष के सैन्यीकरण की तरफ बढ़े।' भारत का नाम लिए बिना पाकिस्तान ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि अतीत में दूसरों द्वारा इसी तरह की क्षमता के प्रदर्शन की कड़ी निंदा करने वाले देश बाहरी अंतरिक्ष के लिए सैन्य खतरे को रोकने की दिशा में काम करने के लिए तैयार होंगे।'

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा, 'इस तरह की क्षमता का शेखी बखारना डॉन क्विक्जोट द्वारा पवनचक्की पर हमले की याद दिलाता है।' दरअसल, बयान में 17वीं सदी के स्पैनिश उपन्यासकार सर्वेंटिज के मशहूर उपन्यास 'डॉन क्विक्जोट' के प्रसंग का संदर्भ दिया गया है, जिसमें नायक पवनचक्की को दुश्मन समझकर उससे लड़ता है।

दूसरी तरफ, चीन ने 'मिशन शक्ति' पर सतर्कतापूर्वक प्रतिक्रिया दी है। चीन ने कहा कि उसे उम्मीद है कि सभी देश बाहरी अंतरिक्ष में शांति बनाए रखेंगे। चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत द्वारा उपग्रह रोधी मिसाइल के सफल परीक्षण को लेकर न्यूज एजेंसी पीटीआई के एक सवाल पर लिखित जवाब में कहा, 'हमने खबरें देखी हैं और उम्मीद करते हैं कि प्रत्येक देश बाहरी अंतरिक्ष में शांति बनाए रखेंगे।'

चीन ने ऐसा एक परीक्षण जनवरी 2007 में किया था, जब उसके उपग्रह रोधी मिसाइल ने एक निष्क्रिय मौसम उपग्रह को नष्ट कर दिया था। मोदी ने कहा कि हमने जो नई क्षमता हासिल की है, यह किसी के विरूद्ध नहीं था। उपग्रह 300 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य था। मोदी ने कहा कि मिशन शक्ति का उद्देश्य भारत की समग्र सुरक्षा को मजबूती प्रदान करना था और इस मिशन का नेतृत्व डीआरडीओ ने किया। विदेश मंत्रालय ने दिल्ली में जारी एक बयान में कहा कि भारत का बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की किसी होड़ में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है।