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पाकिस्तान में रोटी और नान की कीमतें कम करने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने सड़क किनारे वाले तंदूरों के लिए गैस दरों में की गई बढ़ोतरी को वापस ले लिया है। नकदी संकट से जूझ रही पाकिस्तान सरकार के गैस दरों को बढ़ाने के फैसले का चौतरफा विरोध हुआ था।

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, सूचना मामलों पर प्रधानमंत्री की विशेष सहायक डॉ. फिरदौस अशिक अवान ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने कड़ा रुख अपनाते हुए नान और रोटी की बढ़ी कीमतों को उसकी मूल दरों पर लाने के लिए तत्काल कदम उठाने का आदेश दिया है।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को संघीय मंत्रिमंडल की एक बैठक के दौरान प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बाद पूरे देश में नान और रोटी की कीमतों को उनकी पिछली दरों पर लाने का निर्णय लिया गया।

कैबिनेट की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अवान ने कहा कि कैबिनेट बैठक के अलावा, प्रधानमंत्री ने गैस दरों के साथ नान और रोटी की दरों के संबंध में एक बैठक की अध्यक्षता की।

पाकिस्तान विदेशी मुद्रा भंडार की कम आपूर्ति और गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इसी महीने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को 3 साल में 6 अरब डॉलर का ऋण मुहैया कराने पर सहमति जताई है। ताकि देश की अर्थव्यवस्था को सतत वृद्धि के रास्ते पर वापस लाया जा सके और लोगों की आजीविका का स्तर सुधारा जा सके।

पाकिस्तान ने कड़े आर्थिक सुधार शुरू किए हैं। इनमें पेट्रोल, गैस और अन्य आवश्यक खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ाए हैं। इसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ा है। प्रधानमंत्री खान की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक समन्वय समिति की बैठक में तंदूरों के लिए गैस की पुरानी दरों को लागू करने का निर्णय किया गया।

यह निर्णय देशभर में नान और रोटियों की कीमत को कम रखने के लिए किया गया है। मौजूदा समय में देश के विभिन्न शहरों में नान की कीमत 12 से 15 रुपये तक है। जबकि गैस और आटे का दाम बढ़ाए जाने से पहले नान की कीमत 8 से 10 रुपये के बीच थी। सरकार का कहना है कि देशभर में एक विस्तृत सर्वेक्षण कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गैस दरों में कमी का लाभ लोगों तक पहुंचे।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।