पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार और यौन शोषण का आरोप लगाने वाली 23 साल की कानून की छात्रा को आज विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने जबरन धन उगाही के मामले में स्थानीय पुलिस के साथ शाहजहांपुर स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस ने उस छात्रा को अदालत के सामने पेश किया जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
Shahjahanpur: The law student, who had accused Swami Chinmayanand for sexually harassing her, being brought to District Jail after a local court sent her to 14-day judicial custody for allegedly trying to extort money from him. pic.twitter.com/lq8xW85OrU
— ANI UP (@ANINewsUP) 25 September 2019
समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने इस बात की पुष्टि की कि स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार और यौन शोषण का आरोप लगाने वाली 23 साल की कानून की छात्रा को (एसआईटी ने जबरन धन उगाही के मामले में गिरफ्तार कर लिया।
Uttar Pradesh Director General of Police, OP Singh: The law student, who had accused Swami Chinmayanand for sexually harassing her, has been arrested by the SIT (Special Investigation Team) for allegedly trying to extort money from him. pic.twitter.com/gtrC5lOjhp
— ANI UP (@ANINewsUP) 25 September 2019
इससे पहले कोर्ट ने मंगलवार को छात्रा की अग्रिम जमानत की याचिका को स्वीकार कर लिया था लेकिन उसकी गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं लगाई थी।
एसआईटी प्रमुख और पुलिस महानिरीक्षक नवीन अरोड़ा ने बताया कि छात्रा से मंगलवार को पूछताछ की गई थी। पुख्ता सूबत मिलने के बाद उसे गिरफ्तार कर मेडिकल जांच कराई जा रही है। मेडिकल जांच के बाद उसे अदालत में पेश किया गया। इसके बाद कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया है।
चिन्मयानंद को ब्लैकमेल कर पांच करोड़ मांगने के मामले में तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उनमें संजय और विक्रम ने स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने चिन्मयानंद से पांच करोड़ रूपए मांगे थे। दूसरी ओर युवती ने ब्लैकमेलिंग और जबरन उगाही के मामले में शामिल होने के पुख्ता सूबत मिले हैं।
इससे पहले मंगलवार को कोर्ट में लॉ स्टूडेंट की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई थी। चिन्मयानंद के वकील ने अग्रिम जमानत वाली याचिका का विरोध किया था। लगभग 40 मिनट तक दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने छात्रा की अर्जी को मंजूर कर लिया था। पीड़िता के वकील ने बताया कि अगली सुनवाई के लिए 26 सितंबर की तारीख तय की गई है।
बता दें कि एसआईटी की जांच में छात्रा और चिन्मयानंद को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी की जांच रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि आरोप लगाने वाली छात्रा और चिन्मयानंद के बीच जनवरी 2019 से अगस्त महीने के बीच 200 बार फोन पर बातचीत हुई है। उधर, इन्हीं 8 महीनों के दौरान छात्रा और उसके साथी संजय के बीच 4200 से ज्यादा बार फोन पर बात हुई थी।
आईजी नवीन अरोड़ा ने बताया था कि एसआईटी ने हर जरूरी डिजिटल साक्ष्य, दोनों पक्षों के फोन कॉल डीटेल जुटाए। घटनास्थल, संस्थान, पीड़िता के घर और हॉस्टल से भी साक्ष्य एकत्र किए। गाड़ियों के मूवमेंट, टोल टैक्स बैरियर, दिल्ली और राजस्थान के होटलों से सीसीटीवी फुटेज, बैंक और एटीएम से रकम निकालने से जुड़े डिजिटल साक्ष्य भी जुटाए गए हैं।
एसआईटी के आईजी अरोड़ा ने बताया था कि एफएसएल के जरिए दोनों पक्षों की तरफ से दिए गए विडियो की मिरर इमेज तैयार कर उनका विश्लेषण किया गया। तब जाकर एसआईटी ने दोनों पक्षों की तरफ से दर्ज करवाए गए मुकदमों की धाराओं में बदलाव किया गया है। उन्होंने बताया था कि छात्रा के तीनों साथियों संजय सिंह, सचिन सेंगर उर्फ सोनू और विक्रम ने स्वामी चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये उगाही मांगने की बात कबूली है। इन तीनों ने वायरल विडियो में खुद के होने की बात भी स्वीकार की।