बुधवार रात को राज्यपाल सत्यपाल मालिक द्वारा जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने के बाद राज्य के नेताओं के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. गुरुवार सुबह बीजेपी नेता राम माधव ने नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के हाथ मिलाने पर बड़ा बयान दिया. जिसके बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और राम माधव के बीच ट्विटर पर जुबानी जंग छिड़ गई.
बीजेपी राष्ट्रीय सचिव ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, 'हो सकता है कि उन्हें सीमा पार से ही साथ आकर सरकार बनाने के निर्देश मिले हों क्योंकि बीजेपी एवं अन्य दलों ने निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है.' उन्होंने कहा, 'जो भी कारण हों, जो फैसला उनके द्वारा किया गया है, उसी के चलते राज्यपाल ने अपना निर्णय लिया है.' बता दें, पीडीपी ने जैसे ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक के पास राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया उसके कुछ घंटे बाद ही राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दी.
#WATCH: BJP national general secretary Ram Madhav says on dissolution of J&K assembly, "PDP & NC boycotted local body polls last month because they had instructions from across the border. Probably they had fresh instructions from across the border to come together & form govt." pic.twitter.com/wNjGSFmJbc
— ANI (@ANI) November 22, 2018
राम माधव ने कहा कि बीजेपी ने अपनी ओर से सरकार बनाने की इच्छा कभी जाहिर नहीं की. उन्होंने कहा, 'हमने कब ऐसा दावा किया कि हम सरकार बनाने जा रहे हैं? हमने हमेशा कहा कि हमें आगे बढ़ने के लिए राज्यपाल शासन की आवश्यकता है.' उन्होंने कहा, 'ये वही दल हैं जो राज्य में एक अनैतिक गठबंधन तैयार करना चाहते हैं.' उन्होंने कहा, 'पीडीपी और एनसी वही दल हैं जिन्होंने पिछले महीने निकाय चुनावों का बहिष्कार किया था क्योंकि उन्हें सीमा पार से ऐसा करने के निर्देश मिले थे.'
PDP&NC boycotted local body polls last month because they had instructions from across the border.Probably they had fresh instructions from across the border to come together & form govt.What they did prompted Guv to look into the whole issue: Ram Madhav on J&K assembly dissolved pic.twitter.com/f0wPQbzqrD
— ANI (@ANI) November 22, 2018
राम माधव के इस बयान पर एनसी नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पलटवार किया. उन्होंने जवाब में ट्वीट करते हुए कहा कि मैं आपको चैलेंज करता हूं कि इन आरोपों को सिद्ध करके दिखाएं. आपके पास रॉ-एनआईए-सीबीआई है, जांच कर पब्लिक डोमेन में ला सकते हैं. या तो इन आरोपों को साबित करें अन्यथा माफी मांगें.
I dare you @rammadhavbjp ji to prove your allegation. You have RAW, NIA & IB at your command (CBI too is your parrot) so have the guts to place evidence in the public domain. Either prove this or be man enough to apologise. Don’t practice shoot & scoot politics. https://t.co/KEbOo0z6O2
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 22, 2018
इस पर राम माधव ने जवाब दिया कि वह उनकी देशभक्ति पर सवाल नहीं खड़े कर रहे हैं. लेकिन पीडीपी-एनसी के बीच अचानक उमड़ा प्रेम और सरकार बनाने की जल्दबाजी इस प्रकार के बयान दिलवा रही है.
Just take it in your stride @OmarAbdullah Not questioning your patriotism at all. But d sudden love between NC n PDP n d hurry to form government leads to many suspicions n political comments. Not to offend u. ? https://t.co/4tgbWS7Q3r
— Ram Madhav (@rammadhavbjp) November 22, 2018
इस पर उमर अब्दुल्ला ने जवाब दिया कि इस प्रकार का व्यंग्य काम नहीं करेगा. आपने आरोप लगाया है कि मेरी पार्टी पाकिस्तान के इशारों पर काम कर रही है. मैं आपको इसे सिद्ध करने की चुनौती देता हूं.
No, misplaced attempts at humour won’t work. You HAVE claimed my party has been acting at the behest of Pakistan. I dare you to prove it! Place the evidence of your allegation of NC boycott of ULB polls at Pak behest in public domain. It’s an open challenge to you & your Govt. https://t.co/7cumKwKxuM
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 22, 2018
उधर, सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस, एनसी और पीडीपी तीनों पार्टियों द्वारा साथ आना सरकार बनाने की कोशिश कम और राज्यपाल तथा बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश ज्यादा था। सूत्रों का कहना है कि इस पूरी कवायद के पीछे इन तीनों पार्टियों का मूल उद्देश्य भी विधानसभा भंग कराना ही था। बीते दिनों राज्य में हुए पंचायत चुनाव में वोटरों की भागीदारी के बाद क्षेत्रीय पार्टियों का आकलन गलत साबित हुआ है।