बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने ट्विटर पर अपने बायो में से भाजपा का नाम हटा दिया है. महाराष्ट्र में बदले राजनीतिक परिदृश्य की पृष्ठभूमि में पंकजा ने अपनी 'भावी यात्रा' के संबंध सोशल मीडिया में पोस्ट की था जिससे अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.
पंकजा ने 28 नवंबर को तीन ट्वीट किए थे जिनमें महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बधाई दी थी लेकिन शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार के बारे में कुछ नहीं लिखा था. सोमवार को पंकजा ने अपने ट्विटर बायो से सारी जानकारी हटा दी. इसमें उन्होंने बीजेपी का नाम और अपने राजनीतिक सफर का विवरण भी हटा दिया.
राज्य विधानसभा चुनाव में वह बीड जिले की परली सीट से अपने चचेरे भाई और प्रतिद्वंद्वी एनसीपी के धनंजय मुंडे से हार गई थीं. पंकजा की बहन प्रीतम मुंडे बीड़ से बीजेपी की सांसद हैं. देवेंद्र फडणवीस सरकार में वह मंत्री थीं. ठाकरे नीत सरकार के गठन से पहले तक वह राज्य बीजेपी इकाई की कोर समिति की सभी बैठकों में मौजूद रहीं.
रविवार को फेसबुक की अपनी पोस्ट में पंकजा ने अपने समर्थकों को अपने दिवंगत पिता एवं बीजेपी के पूर्व नेता गोपीनाथ मुंडे की जयंती के मौके पर 12 दिसंबर को गोपीनाथगढ़ आने का न्योता दिया था. गोपीनाथगढ़ बीड जिले में गोपीनाथ मुंडे का स्मारक है.
पंकजा ने मराठी में लिखी फेसबुक पोस्ट में कहा, 'राज्य में बदले राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए यह सोचने और निर्णय लेने की आवश्यकता है कि आगे क्या किया जाए. मुझे स्वयं से बात करने के लिए आठ से 10 दिन की आवश्यकता है. मौजूदा राजनीतिक बदलावों की पृष्ठभूमि में भावी यात्रा पर फैसला किए जाने की आवश्यकता है. अब क्या करना है? कौन सा मार्ग चुनना है? हम लोगों को क्या दे सकते हैं? हमारी ताकत क्या है? लोगों की अपेक्षाएं क्या हैं? मैं इन सभी पहलुओं पर विचार करूंगी और आपके सामने 12 दिसंबर को आऊंगी.'
साथ ही पंकजा ने लिखा कि उन्होंने चुनाव में मिली हार स्वीकार कर ली है और वह हार-जीत में उलझने की जगह आगे बढ़ गई हैं. उन्होंने कहा, 'मैं पार्टी (बीजेपी) की बैठकों में शामिल हुई थी.'
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.