रामपुर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उम्मीदवार जया प्रदा पर विवादित बयान को लेकर चौतरफा घिरने के बाद समाजवादी पार्टी (एसपी) के वरिष्ठ नेता और पार्टी कैंडिडेट आजम खान ने कहा कि उनकी बात को गलत तरीके से पेश किया गया। आजम ने कहा कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया और अगर वह दोषी साबित होते हैं तो चुनाव से हाथ पीछे कर लेंगे।
उल्लेखनीय है कि रविवार को रामपुर की शाहबाद तहसील में आयोजित एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए आजम खान ने बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने जया का नाम लिए बगैर वहां मौजूद लोगों से पूछा, 'क्या राजनीति इतनी गिर जाएगी कि 10 साल जिसने रामपुर वालों का खून पिया, जिसे उंगली पकड़कर हम रामपुर में लेकर आए, उसने हमारे ऊपर क्या-क्या इल्जाम नहीं लगाए। क्या आप उसे वोट देंगे?' आजम ने आगे कहा कि आपने 10 साल जिनसे अपना प्रतिनिधित्व कराया, उसकी असलियत समझने में आपको 17 साल लगे। मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनके नीचे का अंडरवेअर खाकी रंग का है। ( देखें विडियो)
#WATCH Azam Khan says in Rampur(in apparent reference to jaya prada), "Jisko hum ungli pakadkar Rampur laaye, aapne 10 saal jinse apna pratinidhitva karaya...Uski asliyat samajhne mein aapko 17 baras lage,main 17 din mein pehchan gaya ki inke niche ka underwear khaki rang ka hai" pic.twitter.com/JwIlcth4uQ
— ANI UP (@ANINewsUP) April 14, 2019
बयान पर घिरे आजम ने जोर देकर कहा कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था और अगर वह दोषी साबित हुए तो चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा, 'मैं रामपुर से नौ बार विधायक और एक बार मंत्री रहा हूं। मुझे पता है क्या कहना है। अगर कोई यह साबित कर दे कि मैंने किसी नाम लिया और किसी का नाम लेकर अपमान किया। अगर यह साबित होता है, तो मैं चुनाव से हाथ पीछे कर लूंगा।'
Azam Khan, Samajwadi Party (SP) in Rampur on his remark, 'main 17 din mein pehchan gaya ki inke niche ka underwear khaki rang ka hai': I haven't named anyone. I know what I should say. If anyone can prove that I named anyone anywhere&insulted anyone,then I'll not contest election pic.twitter.com/ftDtC57ttA
— ANI UP (@ANINewsUP) April 14, 2019
आजम खान के इस बयान पर महिला आयोग ने आपत्ति जताई है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने खान की टिप्पणी को बेहद शर्मनाक करार दिया और कहा कि महिला आयोग उन्हें एक कारण बताओ नोटिस भेज रहा है। वहीं, बीजेपी ने इसे निहायत अभद्र और आपत्तिजनक करार देते हुए कहा कि यह राजनीति के स्तर में गिरावट की पराकाष्ठा है।