सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरREUTERS/Rupak De Chowdhuri

सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के 60,000 से अधिक कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के लिये आवेदन कर चुके हैं. दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

वीआरएस का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों में अकेले बीएसएनएल के कर्मचारियों की संख्या 57,000 से अधिक है. दोपहर में कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी. के. पुरवार ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में इनकी संख्या करीब 40,000 बतायी थी जो शाम तक और बढ़ गयी.

प्रकाश ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''अब तक बीएसएनएल और एमटीएनएल के 60,000 से अधिक कर्मचारी वीआरएस का विकल्प अपना चुके हैं. इसमें बीएसएनएल के अकेले 57,000 से अधिक कर्मचारी हैं.''

प्रकाश ने कहा कि वीआरएस योजना को 'अभूतपूर्व' समर्थन मिला है. सरकार ने कुल 94,000 कर्मचारियों को वीआएस देने का लक्ष्य रखा था.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले महीने ही बीएसएनएल और एमटीएनएल के पुनरोद्धार के लिए 69,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी. इसमें घाटे में चल रही दोनों कंपनियों का विलय करना, उनकी परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण करना, कर्मचारियों को वीआरएस देना इत्यादि शामिल है. इसका मकसद विलय के बाद बनने वाली संयुक्त कंपनी को दो साल के भीतर लाभ में लाना है.

बीएसएनएल ने पांच नवंबर को वीआरएस की घोषणा की. कंपनी के कुल डेढ़ लाख कर्मचारियों में से करीब एक लाख कर्मचारी वीआरएस के दायरे में हैं. वीआरएस आवेदन के लिये कर्मचारियों को तीन दिसंबर तक का समय दिया गया है.

बीएसएनएल को उम्मीद है कि करीब 70 से 80 हजार कर्मचारी इस योजना का चुनाव करेंगे. इससे उसे वेतन भुगतान के खाते में करीब 7,000 करोड़ रुपये बचत की उम्मीद है.

बीएसएनएल की वीआरएस योजना के तहत कंपनी के 50 वर्ष अथवा इससे अधिक आयु के सभी नियमित और स्थायी कर्मचारी पात्र हैं. इसमें वह कर्मचारी भी शामिल हैं जो प्रतिनियुक्ति पर बीएसएनएल से बाहर किसी अन्य संगठन या विभाग में नियुक्त हैं. योजना के तहत योग्य कर्मचारी को उनकी सेवाकाल के बीत चुके प्रत्येक वर्ष के लिए 35 दिन और बचे हुए सेवाकाल के लिए 25 दिन प्रति वर्ष का वेतन दिया जाएगा.

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.