बिहार में सांप काटने से किसी भी व्यक्ति की मौत के बाद वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये देने का प्रावधान है, लेकिन पांच साल से किसी भी शख्स ने इसके लिए दावा नहीं किया है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मंगलवार को बिहार विधानसभा में भाजपा विधायक संजय सरावगी के पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि सांप को वन्यप्राणी की श्रेणी में रखा गया है.
वन्य प्राणियों के काटने से मौत के मामले में वन पर्यावरण विभाग के द्वारा पांच लाख रुपये के मुआवजे का प्रावधान पहले से ही है. यह सांप के काटने से हुई मौत पर भी लागू है, लेकिन, मुआवजे के लिए सर्पदंश के शिकार व्यक्ति का पोस्टमार्टम होना जरूरी है.
बिहार विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को सूबे में सांप काटने से मौत पर सरकारी मुआवजे का मुद्दा उठाया. प्रश्नोत्तर काल के दौरान भाजपा विधायक संजय सरावगी ने यह मुद्दा सदन के पटल पर रखा. इसके बाद उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सदन को बताया कि सांप को वन्यप्राणी की श्रेणी में रखा गया है.
वन्यप्राणियों के काटने से मौत के मामले में वन पर्यावरण विभाग के द्वारा पांच लाख रुपये के मुआवजे का प्रावधान पहले से ही है. यह सांप के काटने से हुई मौत पर भी लागू है. मुआवजे के लिए सर्पदंश के शिकार व्यक्ति का पोस्टमार्टम होना जरूरी है.
इसके बाद राजद विधायक राहुल तिवारी और भोला यादव ने मुआवजे के इस प्रावधान को लेकर जागरूकता अभियान चलाने की बात कही.
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.