प्रीपेड ग्राहकों के लिए बिजली कुछ सस्ती हो सकती है। बिजली मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे अपने-अपने बिजली नियामकों से प्रीपेड बिजली ग्राहकों के लिए रेट कम करने को कहें। मंत्रालय ने कहा कि प्रीपेड मीटर से बिजली वितरण कंपनियों को मीटर रीडिंग, बिल और संग्रह जैसे जो अतिरिक्त खर्च नहीं करने होंगे।
सरकार की 1 अप्रैल 2019 से 3 साल में सभी मीटरों को स्मार्ट प्रीपेड मीटर में तब्दील करने की योजना है। बिजली मंत्रालय ने आदेश में कहा, 'राज्य अपने विद्युत नियामक आयोग (एसईआरसी) से उन ग्राहकों के लिए बिजली के खुदरा शुल्क में कमी लाने का आग्रह कर सकता है जो पहले भुगतान वाले मीटर के जरिए बिजली ले रहे हैं।'
आदेश में यह भी कहा गया है कि पहले से भुगतान कर अगर कोई इकाई या ग्राहक बिजली लेता है तो उनके लिए बिजली की लागत में कमी लाने के लिए संबंधित नियमन या आदेश या व्यवस्था में बदलाव यह पत्र (16 जनवरी 2020) जारी होने के छह महीने के भीतर होना चाहिए।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि कि प्रीपेड मीटर से बिजली वितरण कंपनियों को मीटर रीडिंग, बिल और संग्रह जैसे जो संबंधित खर्च होते हैं, उसमें कमी लाने में मदद मिलेगी। इसलिए बिजली दरों में कमी आनी चाहिए।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.