बालाकोट एयर स्ट्राइक के अगले दिन अपने ही Mi-17 हेलिकॉप्टर को गलती से मार गिराने के मामले में भारतीय वायुसेना ने अपने 6 अधिकारियों पर कार्रवाई की है। इनमें से 2 अधिकारियों को कोर्ट मार्शल का सामना करना पड़ेगा।
आपको बता दें कि 27 फरवरी को बालाकोट एयर स्ट्राइक के अगले दिन पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर हवाई हमले की नाकाम कोशिश की थी। उस दिन भारतीय वायुसेना ने गलती से अपने ही एक हेलिकॉप्टर को मार गिराया था, जिसमें 6 अधिकारी शहीद हुए थे।
इस मामले में 2 अफसरों को कोर्ट मार्शल का सामना करना पड़ेगा। बाकी 4 अफसरों को प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इन अधिकारियों में 2 एयर कमोडोर (सेना के ब्रिगेडियर के समतुल्य) और 2 फ्लाइट लेफ्टिनेंट (आर्मी कैप्टन के समतुल्य) शामिल हैं। रक्षा सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, 'एक ग्रुप कैप्टन और एक विंग कमांडर को कोर्ट मार्शल का सामना करना पड़ेगा।'
Defence sources: Six Indian Air Force officers to face action for their roles in the Mi-17 chopper crash which was hit by own missile on February 27 over Srinagar. Two officers to face court martial while four others to face administrative action in the case. pic.twitter.com/QCZXwrKuNl
— ANI (@ANI) 14 October 2019
27 फरवरी को जब पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले की नाकाम कोशिश की, उस वक्त श्रीनगर के नजदीक बडगाम में Mi-17 क्रैश हो गया था। उसमें सवार सभी 6 अधिकारी मारे गए थे। शुरुआत में इसे हादसा माना गया लेकिन बाद में जांच के बाद पता चला कि हेलिकॉप्टर को श्रीनगर में तैनात अपने ही एयर डिफेंस सिस्टम स्पाइडर ने हिट किया था।
26 फरवरी को बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद से ही इंडियन एयर डिफेंस सिस्टम हाई अलर्ट पर था। मारे जाने से 10 मिनट पहले ही हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरी थी।
आपको बता दें कि हाल ही में वायुसेना प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने माना था कि पाकिस्तान के साथ हवाई संघर्ष के दौरान अपने ही Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर को मार गिराना बहुत भारी चूक थी। वायुसेना प्रमुख ने देश को आश्वस्त किया कि ऐसी चूक भविष्य में कभी नहीं होगी।
उन्होंने कहा था, 'हमारी मिसाइल ने ही (हेलिकॉप्टर को) मार गिराया। इसकी पुष्टि हो चुकी है। प्रशासनिक और अनुशासनिक कार्रवाई की जा रही है। जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा नहीं हो।'
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।