वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ऑनलाइन रिटेलर फ्लिपकार्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि एफडीआई के नए नियमों के पालन के लिए अगर छह महीने का वक्त नहीं दिया गया, तो कंपनी के ग्राहकों के टूटने का बड़ा खतरा है। एक सूत्र ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी है।
एफडीआई के नए नियम आगामी एक फरवरी से लागू होने जा रहे हैं, जिसके तहत ई-कंपनियां उन कंपनियों का माल अपने प्लेटफॉर्म पर नहीं बेच पाएंगी, जिनमें उनकी हिस्सेदारी है। साथ ही किसी एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर एक्सक्लूसिव बिक्री पर भी रोक लग जाएगी।
एक सूत्र ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में भारत के उद्योग विभाग को लिखे एक पत्र में फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा कि अपने कारोबार के संचालन के लिए कंपनी को नियमों की बारीकी से आकलन करने की जरूरत है।
कृष्णमूर्ति ने पत्र में कहा, 'नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए हमें अपनी प्रौद्योगिकी प्रणाली में अनगिनत बदलाव करने होंगे और इतने कम समय में यह सब करने के लिए हमें बड़े संसाधन लगाने होंगे।' एफडीआई के नए नियमों की घोषणा 26 दिसंबर को की गई थी।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर नियमों के अनुपालन के डेडलाइन को बढ़ाया नहीं गया, तो भारी तादाद में ग्राहकों के टूटने का खतरा है। कृष्णमूर्ति ने नए नियमों के अनुपालन को छह माह आगे बढ़ाने को कहा है।
एफडीआई के नए नियमों से भारत में फ्लिपकार्ट में 16 अरब डॉलर का निवेश करने वाली वॉलमार्ट और 5.5 अरब डॉलर का निवेश करने वाली ऐमजॉन को बड़ा झटका लगा है।
अमेरिकी सरकार ने इस महीने की शुरुआत में मुद्दे पर चिंता जताते हुए दोनों देशों के अच्छे संबंधों की दुहाई देते हुए भारतीय अधिकारियों से वॉलमार्ट और ऐमजॉन के हितों की सुरक्षा करने को कहा।