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Reuters

आम चुनाव के लिए प्रचार अभियान के जोर पकड़ने के साथ सत्तारूढ़ बीजेपी तथा उसके समर्थक सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं और फेसबुक पर जमकर विज्ञापन दे रहे हैं। इस मामले में दूसरे दलों एवं लोगों से कहीं आगे हैं। फेसबुक पर विज्ञापन व्यय बढ़कर 8.38 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है जिसमें बीजेपी और उसके समर्थकों की हिस्सेदारी सर्वाधिक है। सोशल मीडिया कंपनी ने यह जानकारी दी।

फेसबुक की एड लाइब्रेरी रिपोर्ट के अनुसार फरवरी से लेकर 16 मार्च 2019 तक कुल राजनीतिक विज्ञापन 34,048 रहे। इस पर 6.88 करोड़ रुपये खर्च किए गए। यह संख्या 23 मार्च तक बढ़कर 41,514 हो गई जबकि कुल खर्च 8.38 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। रिपोर्ट के अनुसार, 23 मार्च 2019 को समाप्त सप्ताह में भारत में फेसबुक पर राजनीति और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों से जुड़े विज्ञापनों की संख्या 7,400 से अधिक बढ़ी है।

'भारत के मन की बात' पृष्ठ सर्वाधिक खर्च करने वाले के रूप में उभरा है। इसके माध्यम से दो श्रेणी के अंतर्गत 3,700 से अधिक विज्ञापन आए और 2.23 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए। बीजेपी ने करीब 600 विज्ञापन दिये और 7 लाख रुपये खर्च किए जबकि अन्य पृष्ठ जैसे 'माई फर्स्ट वोट फार मोदी' और 'नेशन विद नमो' पर भी काफी खर्च किया गया है। अमित शाह के पृष्ठ पर एक विज्ञापन है और इस पर खर्च 2.12 लाख रुपये है। इसकी तुलना में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पेज पर 410 विज्ञापन हैं और इस पर फरवरी से मार्च के दौरान विज्ञापन खर्च 5.91 लाख रुपये रहा है।

फेसबुक ने फरवरी में कहा था कि उसके मंच पर दिए गए राजनीतिक विज्ञापनों के बारे में ब्योरा दिया जाएगा। इसमें जो लोग विज्ञापन देंगे उनका ब्योरा शामिल है। सोशल मीडिया ने राजनीतिक विज्ञापनों में पारदर्शिता लाने के इरादे से यह कदम उठाया है। जिन विज्ञापनों को लोग देख रहे हैं उनके लिए जिम्मेदार लोगों के बारे में अधिक जानकारी देने के वास्ते यह कदम उठाया गया है।