फिरोजपुर के हुसैनीवाला सीमा पर बीएसएफ के कुछ जवानों द्वारा सोमवार की रात को पाकिस्तान की तरफ से एक ड्रोन के भारतीय सीमा में घुसते देखे जाने के बाद सीमा सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने बीएसएफ के एक सूत्र के हवाले से बताया, "फिरोजपुर के हुसैनीवाला बॉर्डर पोस्ट पर बीएसएफ के जवानों ने सोमवार रात पाकिस्तान की तरफ से एक ड्रोन को भारत की सीमा में घुसते हुए देखा गया। बीएसएफ ने तुरंत पंजाब पुलिस को सूचित किया। तलाशी अभियान जारी है। स्थानीय पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।"
रिपोर्टों में कहा गया है कि ड्रोन, जो पाकिस्तान का होने का संदेह है, को पहली बार एचके टॉवर के पास उड़ते हुए देखा गया था। इसे पांच बार देखा गया और एक बार सीमा पार करने की भी कोशिश की गई। सोमवार रात 10 बजे से 10:40 बजे के बीच ड्रोन को कई बार देखा गया। जब ड्रोन ने भारत की ओर सीमा पार करने की कोशिश की, तो कर्मियों ने वरिष्ठ अधिकारियों को सतर्क कर दिया।
पंजाब पुलिस, बीएसएफ के साथ, ड्रोन की उत्पत्ति की जांच शुरू कर दी है और अन्य खुफिया एजेंसियों से सहायता ली है।
इस बात संदेह है कि ड्रोन का इस्तेमाल पाकिस्तानी आतंकवादी समूहों द्वारा ड्रग्स या गोला-बारूद का परिवहन करने के लिए किया जा सकता था।
पिछले दिनों पंजाब पुलिस ने बताया था कि सीमा पार से जीपीएस से संचालित ऐसे कई ड्रोन भारत में घुसे थे जो 10 किलोग्राम तक वजनी सामान को ले जा सकते हैं। पंजाब पुलिस के मुताबिक पाकिस्तान भारतीय सीमा में AK-47 राइफलों, हैंड ग्रेनेडों और पिस्टलों को गिराने के लिए इन ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है। इसके बाद सेना और बीएसएफ के कान खड़े हो गए हैं।
2 सप्ताह पहले सऊदी अरब के 2 प्रमुख ऑइल प्लांट्स पर ड्रोन अटैक हुआ था। यमन के हूती विद्रोहियों ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली थी, जबकि सऊदी अरब ने इसके लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था। पिछले महीने ताकतवर विस्फोटकों से लैस 2 ड्रोन्स के जरिए वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की हत्या की कोशिश हुई थी। इसके अलावा, कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट 2014 से ही ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है।
बता दें कि भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला करके पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ट्रेनिंग ठिकाने को नष्ट कर दिया था। जम्मू कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती के बाद पाकिस्तान अब अपने पाले हुए आतंकवादियों को हथियारों की आपूर्ति करने के लिए छोटे ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है।