दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव आज शुरू हो गया है। मतदान केंद्रो पर समय से पहले से ही लोगों की लाइन नजर आ रही थी। सुरक्षा के लिए पूरे चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर लोगों से अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने की अपील की। कई मतदान बूथों को गुब्बारे और झालरों से सजाया भी गया है। आंध्र प्रदेश और ओडिशा समेत कुछ अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए भी आज ही मतदान किया जाएगा।
मतदान शुरू होने के कुछ हीम मिनट बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर देशवासियों से मतदान की अपील की। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी नागपुर में अपना मतदान किया। उन्होंने भी देशवासियों से मतदान में हिस्सा लेकर लोकतंत्र को मजबूत करने की अपील की। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, '2019 लोकसभा चुनावों की आज से शुरुआत हो रही है। मैं पहले फेज में मतदान वाले निर्वाचन क्षेत्रों के सभी मतदाताओं से रेकॉर्ड नंबर में घरों से निकलकर मतदान की अपील करता हैं। मैं विशेष तौर पर युवा वोटरों और पहली बार मतदान करनेवाले युवाओं से भी बड़ी संख्या में मतदान करने की अपील करता हूं।'
2019 Lok Sabha elections commence today.
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) April 11, 2019
I call upon all those whose constituencies are voting in the first phase today to turn out in record numbers and exercise their franchise.
I specially urge young and first-time voters to vote in large numbers.
ओडिशा में आज विधानसभा चुनावों के लिए भी वोट दिए जाएंगे। इसके लिए रात भर तैयारी होती रही और दूर-दराज के इलाकों में भी मतदान के लिए सभी इंतजाम करने पोलिंग बूथ पर नाव के सहारे पहुंचे। चुनाव आयोग की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। नक्सल प्रभावित बस्तर इलाके में सुरक्षा के लिए 75 हजार सुरक्षाकर्मियों को लगाया गया है। ड्रोन के जरिए भी सुरक्षा की निगरानी की जाएगी।
लोकसभा चुनावों के पहले चरण के मतदान के लिए चुनाव आयोग ने पूरी तैयारी कर ली है। केंद्र में नई सरकार बनाने के लिए सात चरणों में लोकसभा चुनाव होने हैं। इनके साथ-साथ पहले चरण में ही आंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। ओडिशा विधानसभा के लिए पहले चरण का मतदान भी गुरुवार को होगा। पहले चरण में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, उत्तराखंड, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा तेलंगाना की सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव होंगे। इसके अलावा पहले चरण में असम, बिहार, छत्तीसगढ़, जम्मू एवं कश्मीर, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी कुछ लोकसभा सीटों पर मतदान होगा।
पहले चरण में होने जा रहे चुनाव में कई राज्यों में काफी दिलचस्प टक्कर होने वाली है। दरअसल, इसी चरण में कई केंद्रीय मंत्रियों और विभिन्न पार्टियों के कुछ वरिष्ठ नेताओं का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा है। पहले चरण में उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से आठ सीटों, बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से चार और पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से दो सीटों पर चुनाव होंगे।
महाराष्ट्र में नितिन गडकरी की सीट नागपुर, केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर की सीट चंद्रपुर पर गुरुवार को ही वोटिंग होगी। बिहार की चार सीटों में से LJP नेता चिराग पासवान की जमुई सीट भी शामिल है। वहीं, अरुणाचल प्रदेश में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की सीट पर भी चुनाव पहले चरण में ही है।
उत्तर प्रदेश की आठ लोकसभा सीटों में प्रमुख सहारनपुर, कैराना, गाजियाबाद, बागपत और गौतमबुद्धनगर हैं। इन सीटों पर तीन केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (गाजियाबाद), सत्यपाल सिंह (बागपत) और महेश शर्मा (गौतमबुद्धनगर) के साथ-साथ राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष अजित सिंह तथा उनके बेटे जयंत चौधरी भी मैदान में हैं।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत गुरुवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ सीटों के लिए मतदान होने हैं। बीजेपी को इन सीटों पर समाजवादी पार्टी (एसपी), बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के गठबंधन के चलते कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस को भी यहां अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर की आठ सीटों पर कुल 1.5 करोड़ मतदाता हैं, जो गुरुवार को मतदान करेंगे। ये मतदाता राज्य की 80 लोकसभा सीटों के लिए 14 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं के करीब 10.45 प्रतिशत हैं।
उत्तर प्रदेश के पहले चरण का चुनाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि पश्चिमी क्षेत्र में किसी भी तरह का ध्रुवीकरण बीजेपी को फायदा पहुंचा सकता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में देखा गया था कि ध्रुवीकरण से बीजेपी को फायदा हुआ था। आइए उत्तर प्रदेश की प्रमुख संसदीय सीटों का समीकरण समझते हैं।
एसपी-बीएसपी-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार रालोद प्रमुख अजित सिंह यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के खिलाफ मैदान में हैं। यहां की पांचों विधानसभा क्षेत्रों में अच्छी-खासी मुस्लिम आबादी है। यहां करीब 17 लाख मतदाता हैं, जिनमें मुस्लिम 26 प्रतिशत, जाटव 15 प्रतिशत और जाट आठ प्रतिशत हैं। इस क्षेत्र के लोगों का मानना है कि यह सीट दोनों नेताओं के लिए आसान नहीं होने वाली है।
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह यहां से दोबारा जीतना चाहते हैं, लेकिन उन्हें त्रिकोणीय मुकाबले का सामना करना पड़ेगा। एसपी-बीएसपी-रालोद गठबंधन ने सुरेश बंसल को और कांग्रेस ने युवा व्यवसायी डॉली शर्मा को उम्मीदवार बनाया है।
इस सीट पर महेश शर्मा का सामना कांग्रेस के अरविंद कुमार सिंह और एसपी-बीएसपी-RLD गठबंधन से बीएसपी उम्मीदवार सतवीर नागर से होगा।
केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह इस जाट बहुल इलाके से दोबारा जीत दर्ज करना चाहते हैं, जबकि रालोद नेता अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी एसपी-बीएसपी-रालोद उम्मीदवार के रूप में उनके खिलाफ लड़ रहे हैं।
बीजेपी ने यहां से अपने मौजूदा सांसद राघव लखनपाल को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने उनके खिलाफ इमरान मसूद को खड़ा किया है, जिन्होंने पिछले चुनाव में लखनपाल को कड़ी टक्कर दी थी, मगर 65,000 मतों से हार गए थे। इन आठ संसदीय क्षेत्रों में 1.5 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 82 लाख पुरुष मतदाता और 68 लाख महिला मतदाता हैं।
तेलंगाना में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता निजामाबाद से दोबारा चुनाव लड़ेंगी, जहां कृषि उत्पाद की उचित कीमत नहीं मिलने जैसी अन्य समस्याओं पर ध्यान दिलाने के लिए 178 किसानों ने आंदोलन किया था। यह सभी किसान यहां से चुनाव मैदान में हैं। कविता कांग्रेस के मधु यक्षी गौढ़ और बीजेपी के डी. अरविंद के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में हैं। तेलंगाना में पहले चरण में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी (नलगोंडा), पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रेणुका चौधरी (खम्मम), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (हैदराबाद) जैसे प्रमुख उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
आंध्र प्रदेश में मतदाता 25 लोकसभा तथा 175 विधानसभा प्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान करेंगे। वहीं, तेलंगाना में 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव होंगे। यहां पिछले साल विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। उत्तराखंड की सभी पांच लोकसभा सीटों, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर और मेघालय की दो-दो लोकसभा सीटों और छत्तीसगढ़, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के साथ-साथ लक्षद्वीप में एक-एक लोकसभा सीट पर 11 अप्रैल को पहले चरण के तहत मतदान होंगे।