प्याज की बिक्री के बदले में मिली बेहद मामूली कीमत दर्शाने के लिए अपनी कमाई प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजने वाले नासिक के किसान ने अब आरोप लगाया है कि जिले के संबंधित अधिकारियों ने गलत तरीके से उनकी उपज को खराब गुणवत्ता वाला बताया है.
महाराष्ट्र के नासिक जिले के निपहद तहसील के संजय साठे ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर कहा कि अधिकारियों ने उनकी प्याज की पैदावार के बारे में बिना कोई जांच किये रिपोर्ट तैयार की और उसे खराब बताया.
इससे पहले साठे ने इससे पहले 29 नवंबर को खुदरा बाजार में बेची गयी प्याज के बदले मिले 1,064 रुपये को विरोध स्वरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज दिया था.
हालांकि, जिला उपरजिस्ट्रार के कार्यालय द्वारा महाराष्ट्र सरकार को बाद में सौंपी गई एक रिपोर्ट में कहा गया कि किसान की प्याज मध्यम से खराब गुणवत्ता की थी और उनका रंग भी काला था.
अधिकारियों के इस दावे को खारिज करते हुए साठे ने अपने पत्र में कहा कि मैंने 750 किलो प्याज बेची थी और 1,064 रुपये कमाये थे, लेकिन बिना किसी जांच के सरकारी अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मेरी प्याज का रंग काला था और वे खराब गुणवत्ता की थीं. यह पूरी तरह से गलत है और अधिकारी आपको भ्रमित कर रहे हैं.
भारतीय डाक विभाग के स्थानीय डाकघर से भेजे गये इस पत्र में किसान ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आप इस बात को समझेंगे कि अगर अधिकारी आपसे झूठ बोल सकते हैं, तो एक आदमी को सरकारी कार्यालयों में किन चीजों का सामना करना पड़ता होगा.
साठे ने दावा किया कि प्याज की खेती करने वाला लगभग हर किसान कम कीमत मिलने और राज्य सरकार की उदासीनता का सामना कर रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री से इसका समाधान निकालने का आग्रह किया है.