सांकेतिक तस्वीर
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भारत की सबसे बड़ी पेमेंट कंपनी पेटीएम ने वॉट्सऐप के बाद अब गूगल पर निशाना साधा है. डिजिटल पेमेंट की सेवाएं देने वाली Paytm ने Google Pay को लेकर नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) में शिकायत की है कि गूगल अपने ग्राहकों का पेमेंट डेटा कई कंपनियों और थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर्स को बेच रही है. पेटीएम ने एनपीसीआई को गूगल पेमेंट सिस्टम Google Pay के प्राइवेसी से जुड़े इस मामले को जल्दी देखने को कहा है. पेटीएम का इल्जाम है कि गूगल की प्राइवेसी पॉलिसी में दिक्कत है और इससे भारतीय कस्टमर का पेमेंट डेटा गूगल एफिलिएट कंपनी और थर्ड पार्टी यूजर्स को मिलता है.

पेटीएम ने गूगल पेमेंट सिस्टम की प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में कहा है कि गूगल भारतीय यूजर्स का पेमेंट डेटा दूसरों के साथ शेयर कर रहा है.

ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक पेटीएम ने NPCI को लिखे लेटर में कहा है, 'गूगल पे अनरेग्यूलेटेड प्लेटफॉर्म है जहां उनके कस्टमर डेटा को पैसों के लिए यूज करने की संभावना है जो यूजर की प्राइवेसी पर हमला है'. पेटीएम का ये भी कहना है कि गूगल यूजर का डेटा भारत के बाहर स्टोर कर रहा है और शेयर कर रहा है जो डेटा ब्रीच पर सुरक्षा से जुड़े सवाल खड़े करता है.

गौरतलब है कि वॉट्सऐप भारत में पेमेंट सर्विस लॉन्च करने का ट्रायल शुरू कर चुका है. लेकिन पेटीएम ने वॉट्सऐप पेमेंट पर निशाना साधा है. पेटीएम के मुताबिक वॉट्सऐप पेमेंट सर्विस सिक्योर नहीं है और इसकी एक वजह वॉट्सऐप में लॉग इन और लॉग आउट ऑप्शन का न होना है.

पेटीएम के इस नोटिस के बाद NPCI के सीईओ और एनपीसीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर दिलीप आस्बे ने कहा है, 'हाल ही में वॉट्सऐप को अपनी पेरेंट कंपनी फेसबुक के साथ यूजर डेटा शेयर करने से मना किया गया था. ऐसे में अगर Google Pay अपनी पॉलिसी के तहत यूजर का पर्सनल डेटा गूगल ग्रुप की कंपनियों के साथ शेयर करता है तो ये चिंताजनक है. क्योंकि इनमें थर्ड पार्टी कंपनियां भी शामिल हैं. गूगल के पास पहले से हमारा सोशल डेटा है और उम्मीद है वो अब हमारा पेमेंट डेटा भी ऐक्सेस कर रही है जिसे पैसो के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे भारतीय यूजर की प्राइवेसी और देश की सुरक्षा पर भी असर पड़ेगा'

एनपीसीआई के अनुसार, किसी भी पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर को यह अनुमति नहीं है कि वह यूजर्स का डेटा किसी थर्ड पार्टी से साझा करे, जब तक कि उसे कानूनी तौर पर निर्देश न दिया गया हो या फिर किसी नियामक / सांविधिक प्राधिकारी के सामने पेश करने की जरूरत न हो. इसके अलावा RBI ने भी इस मामले में गाइडलाइन जारी कर सभी पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स को यूजर्स का डेटा देश के भीतर ही स्टोर करने की बात कही थी.