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भारत के पूर्व फुटबालर पी कन्नन की पूर्व पत्नी और वर्तमान पत्नी के बीच विवाद पैदा होने के कारण उनका शव तीन दिन तक शवदाह गृह में पड़ा रहा और आखिर में उसे अंतिम संस्कार के लिये बेंगलुरू भेजा गया। भारत की तरफ से 14 मैच खेलने वाले पूर्व फारवर्ड का लंबी बीमारी के बाद रविवार को निधन हो गया था।

उनके परिजनों ने बताया था कि उनके परिवार में पत्नी एंटोनेटी और दो बेटियां हैं। लेकिन जब शव लेने का समय आया तो कन्नन की पहली पत्नी बेंगलुरू से यहां पहुंच गयी और उन्होंने विवाह प्रमाणपत्र दिखाकर शव पर दावा पेश किया। विवाद के दौरान यह भी पता चला कि कन्नन की तीसरी पत्नी भी थी जिसका पता नहीं लग पाया।

इस बीच एंटोनेटी और विजय लक्ष्मी के बीच शव को लेकर तीन दिन तक खुलेआम गाली गलौच चली। इस दौरान शव दमदम के गोरा बाजार शवदाह गृह में रखा रहा।

दक्षिण दमदम के काउंसलर संजय दास ने पीटीआई से कहा, ''मामला सुलझा लिया गया है और एंटोनेटी के मानने के बाद उनकी पहली पत्नी शव को बेंगलुरू ले गयी।'' कन्नन की कोलकाता में रहने वाली पत्नी एंटोनेटी ने कहा कि उन्होंने अनापत्ति प्रमाणपत्र दे दिया।

उन्होंने कहा, ''मैंने अनापत्ति प्रमाणपत्र दे दिया और उन्हें शव सौंप दिया। मेरे पास सारे दस्तावेज हैं। जब वह जीवित थे और उन्हें जरूरत थी तब मैंने उनकी देखभाल की। शव पर झगड़ा करने का कोई मतलब नहीं था। एक पत्नी के रूप में मैंने अपने कर्तव्यों का निर्वाह किया।''

एंटोनेटी ने कहा, ''मैंने 1975 में उनसे शादी की थी। हम इतने लंबे समय से साथ में रहे। जब वह अस्पताल में भर्ती हुए तो मैं उनके साथ थी। उनकी भले ही दस पत्नियां रही हों लेकिन जब वे जीवित थे तब उन्होंने उनके लिये कुछ नहीं किया। मुझे उनकी शादी के बारे में पता नहीं था।''