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पूर्व केन्द्रीय मंत्री और जेडीयू के पूर्व नेता शरद यादव महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर हमेशा से ही विवादों में रहे हैं. फिलहाल लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) के अध्यक्ष शरद यादव ने इस बार राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे पर एक विवादित टिप्पणी की है.

राजस्थान के अलवर में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन शरद यादव ने कहा कि राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे मोटी हो गईं हैं और उन्हें अब आराम दिया जाना चाहिए. हालांकि वसुंधरा को उन्होंने मध्य प्रदेश की बेटी बताया.

शरद यादव अलवर की मुंडावर सीट पर कांग्रेस गठबंधन के कैंडिडेट के समर्थन में आयोजित एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे. रैली को संबोधित करते हुए शरद यादव ने कहा, "यह वसुंधरा इसको आराम दो...बहुत थक गई है...बहुत मोटी हो गई है...पहले पतली थी...हमारे मध्य प्रदेश की बेटी है."

शरद यादव की टिप्पणी का ये वीडियो गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. वीडियो पर कई लोगों ने नाराजगी भी जताई है. शरद यादव ने लोगों से कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में वोट देने की अपील की और वसुंधरा सरकार को उखाड़ फेंकने को कहा.

बढ़ते विवाद को देखते हुए शरद यादव ने बाद में समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि 'मैंने इसे मजाक में कहा. मेरा उनसे पुराना रिश्ता है. यह किसी तरह से अपमानजनक नहीं है. उन्हें दुख पहुंचाने का मेरा कोई इरादा नहीं था. जब मैं उनसे मिला तब भी मैंने उनसे कहा कि उनका वजन बढ़ रहा है.'

विवादित बयानों से शरद यादव का पुराना नाता रहा है. 24 जनवरी 2017 को शरद यादव ने कहा था कि वोट की इज्जत बेटी की इज्जत से बड़ी होती है. बाद में अपने बयान पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा था कि जैसे लोग बेटी से प्यार करते हैं, वैसा ही उन्हें वोट से भी प्यार करना चाहिए.

शरद यादव ने राज्यसभा में बीमा विधेयक की चर्चा के दौरान कहा था कि दक्षिण भारत की महिलाएं सांवली जरूर होती हैं, लेकिन उनका शरीर खूबसूरत होता है, उनकी त्वचा सुंदर होती है, वे नाचना भी जानती हैं. उन्होंने कहा था कि भारतीय लोग गोरी चमड़ी के आगे किस तरह सरेंडर करते हैं, यह निर्भया पर डॉक्यूमेंट्री बनाने वाली लेस्ली अडविन के किस्से से पता चलता है.

महिलाओं के खिलाफ बयानबाजी पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कड़ी आपत्ति जताई थी तो शरद यादव ने उन्हें जवाब देते हुए कहा था कि मैं जानता हूं, कि आप क्या हैं. वहीं, इससे पहले सन 1997 में महिला आरक्षण विधेयक जब पहली बार संसद में पेश किया गया था तब शरद यादव ने कहा था कि इस विधेयक के जरिये क्या आप 'परकटी महिलाओं' को सदन में लाना चाहते हैं. उनकी इस टिप्पणी पर महिला संगठनों ने कड़ा विरोध जताया था और आखिरकार शरद यादव को माफी मांगने पर मजबूर होना पड़ा था.

इसके अलावा अगस्त 2016 में शरद यादव ने कांवड़ियों पर विवादित टिप्पणी की थी. शरद यादव ने कहा था कि इनकी भीड़ देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में कितनी बेरोजगारी है.