14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 40 से अधिक सीआरपीएफ कर्मियों की जान लेने वाले आत्मघाती कार बम धमाके की जांच में जुटी एनआईए की टीम के हाथ कुछ नए सबूत लगे हैं। कार बम की योजना कहां बनी और इसे कैसे अंजाम दिया गया, इसको लेकर एनआईए सीसीटीवी के जरिए साक्ष्य जुटाने की कोशिश कर रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक इस हमले में मारुति इको कार में यह धमाका किया गया और इस हमले से जुड़े आतंकी आदिल अहमद डार से जुड़े कई महत्वपूर्ण लीड एनआईए को मिली हैं। अवंतीपोरा और आसपास के इलाकों से मिली सीसीटीवी फुटेज जांच टीम के लिए अहम सुराग साबित हो रहे हैं।
NIA investigators, with support of forensic & automobile experts have been able to identify the vehicle used in #PulwamaAttack. The vehicle is a Maruti Ecco, the owner is a man named Sajjad Bhat, resident of Bijbehara, District Anantnag who has been evading arrest since then. pic.twitter.com/TkNJUnKpAw
— ANI (@ANI) February 25, 2019
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, स्थानीय लोगों के घरों में लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिए एनआईए घटनाक्रम से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटा रही है। टीम इसकी भी जांच कर रही है कि किस गांव से कार लट्टू मोड़ के हाईवे तक पहुंची और वहां से काफिले के पांचवें बस से टकराई। कार को आतंकी डार खुद चला रहा था या उसके साथ कोई और भी मौजूद था, जैसे प्रश्नों के उत्तर जांच टीम सीसीटीवी के जरिए खंगाल रही है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'इस वक्त तो हम यही कह सकते हैं कि हमें सीसीटीवी फुटेज के जरिए कुछ बहुत अच्छी लीड्स मिली हैं।'
सूत्रों का कहना है कि कुछ पुराने विडियो और तस्वीरों को भी एनआईए की टीम खंगाल रही है। एक्सपर्ट्स इसकी जांच कर रहे हैं कि जैश-ए-मोहम्मद के विडियो में प्रयोग आवाज किसकी है। इस विडियो में जैश ने आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी और आतंकी डार भी इसमें नजर आ रहा है। विशेषज्ञों की कई टीम हर ऐंगल से इस विडियो की जांच कर रही है। सूत्रों का कहना है कि एनआईए के उच्च अधिकारी बहुत जल्द ही सरकार को पूरी साजिश की जानकारी दे सकते हैं।
अब तक की जांच में फरेंसिक एक्सपर्ट्स ने पुष्टि कर दी है कि ब्लास्ट के लिए प्रयोग हुआ आरडीएक्स मिलिटरी ग्रेड का है। एनआईए का मानना है कि भारत इसे जम्मू बॉर्डर के जरिए लाया गया। यह सारा आरडीएक्स एक साथ नहीं बल्कि व्यवस्थित ढंग से लाया गया है। जांच टीम का यह भी मानना है कि जैश, लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन और दूसरे स्थानीय आतंकी संगठनों के अंडरग्राउंड आतंकियों ने इसमें पूरी मदद की। हिज्बुल और दूसरे संगठनों के ऐसे कुछ सप्लायर्स से भी सघन पूछताछ की जा रही है।