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स्वामी कृष्णस्वरूप दासजीTwitter

गुजरात के एक धार्मिक गुरु ने कहा है कि मासिक धर्म के समय पतियों के लिए भोजन पकाने वाली महिलाएं अगले जीवन में 'कुतिया' के रूप में जन्म लेंगी, जबकि उनके हाथ का बना भोजन खाने वाले पुरुष बैल के रूप में पैदा होंगे. स्वामीनारायण मंदिर से जुड़े स्वामी कृष्णस्वरूप दासजी ने कथित तौर पर यह टिप्पणी की है.

यह स्वामीनारायण मंदिर भुज स्थित श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टिट्यूट (एसएसजीआई) नाम के उस कॉलेज को चलाता है, जिसकी प्रधानाचार्य और अन्य महिला स्टाफ ने यह देखने के लिए 60 से अधिक लड़कियों को कथित तौर पर अंत:वस्त्र उतारने को विवश किया कि कहीं उन्हें माहवारी तो नहीं हो रही. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि लड़कियों ने कथित तौर पर हॉस्टल का वह नियम तोड़ा था जिसमें मासिक धर्म के समय लड़कियों के अन्य लोगों के साथ खाना खाने की मनाही है.

एसएसजीआई की प्रधानाचार्या, हॉस्टल रेक्टर और चपरासी को घटना को लेकर सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया था. स्वामी की विवादित टिप्पणी से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें वह गुजराती में बोलते नजर आते हैं.

स्वामी कृष्णस्वरूप दासजी स्वामीनारायण भुज मंदिर के उपदेशक हैं. गुजराती में दिए उपदेश में उन्होंने कहा, 'एक वार मासिक धर्म मान रहेली स्त्री ना हाथे रोटला खाई जाओ तोह बीजो अवतार बलाड नो ज छे. हवे तामने जे लागवु होय ते ना लागे. (एक बार अगर कोई माहवारी से गुजर रही महिला की हाथ की बनी रोटी खा ले तो अगले जन्म में निश्चित तौर पर वह बैल बनेगा.)'

स्वामी ने कहा, 'यदि आपको मेरे विचार पसंद नहीं आते तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन यह सब हमारे शास्त्रों में लिखा है. यदि मासिक धर्म के समय महिला अपने पति के लिए खाना बनाती है तो वह अगले जन्म में 'कुतिया' बनेगी.'

वीडियो में वह यह कहते सुनाई देते हैं, 'महिलाओं को पता नहीं होता कि मासिक धर्म का समय तपस्या करने जैसा होता है. हालांकि मैं आपको ये सब चीजें बताना नहीं चाहता, लेकिन मैं आपको आगाह करता हूं. पुरुषों को खाना बनाना सीखना चाहिए...इससे आपको मदद मिलेगी.'

वीडियो क्लिप के समय और स्थान का पता नहीं चला है, लेकिन ऐसे वीडियो मंदिर के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध हैं.

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा द्वारा लिखा गया है.