ब्रिटेन स्थित ब्रिटिश हेराल्ड पत्रिका द्वारा पाठकों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को पछाड़ते हुए 'साल 2019 के विश्व के सबसे शक्तिशाली नेता' के रूप में उभरे हैं।
ब्रिटिश हेराल्ड के रीडर्स वोट में पीएम मोदी को सबसे ज्यादा 30.9 प्रतिशत वोट मिले। वह अपने प्रतिद्वंद्वी नेता रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से काफी आगे रहे।
इस पोल में ब्लादिमीर पुतिन को 29.9 प्रतिशत वोट मिले। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 21.9 प्रतिशत वोट मिले। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को महज 18.1 प्रतिशत लोगों के वोटों से ही संतुष्ट होना पड़ा।
बताया जाता है कि दुनिया के सबसे ताकतवर शख्स का चुनाव करने के लिए केवल वोटिंग की आम प्रक्रिया का ही इस्तेमाल नहीं किया गया बल्कि ब्रिटिश हेराल्ड के रीडर्स को वोट करने के लिए वन टाइम पासवर्ड दिया गया। इसका मकसद था कि कोई भी व्यक्ति एक से ज्यादा बार किसी भी नेता के लिए वोट नहीं कर सके। हैरान करने वाली बात ये भी रही कि वोटिंग के दौरान साइट क्रैश भी हो गई। वेबसाइट क्रैश होने का कारण वोट करने के लिए भारी संख्या में लोगों का साइट पर आना रहा।
ब्रिटिश हेराल्ड की वेबसाइट पर छपे लेख के मुताबिक हालिया महीनों में पीएम मोदी को भारतीयों की ओर से बेहद ज्यादा स्वीकृति रेटिंग्स मिली हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख और बालाकोट में आतंकी कैंपों पर एयरस्ट्राइक के बाद उनके समर्थकों में भारी इजाफा हुआ। इसके अलावा आयुष्मान भारत, उज्जवला योजना और स्वच्छ भारत अभियान ने भी उनकी लोकप्रियता बढ़ाई।
इसके अलावा इस प्रमुख अखबार ने उन्हें एशियाई क्षेत्र के एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में भी वर्णित किया, जिन्होंने अपनी "नीतियों" को लागू करने में सक्रिय भूमिका निभाई है। साथ ही लाखों ग्रामीण भारतीयों के जीवन को प्रभावित करने वाले जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में उनके द्वारा किये गए प्रयासों को मिली वैश्विक मान्यता की भी सराहना की।
हालांकि, देश में बढ़ती बेरोजगारी दर, बढ़ती गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए), उच्च मुद्रास्फीति दरों के साथ-साथ 2014 लोकसभा चुनाव में जनता से किए गए वादों के बावजूद ईंधन की दरों में हुए इजाफे के चलते हुई आलोचना को 'प्रतिक्षेप' के रूप में उद्धृत किया गया। इसके अलावा विमुद्रीकरण, माल और सेवा कर (जीएसटी) को फिर से लागू करने जैसी अन्य प्रमुख नीतियों को भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा बताया गया।
आलोचना के बावजूद, अखबार ने कहा कि ऐसा इसलिए था क्योंकि "भारत के लोगों ने शासन और राजनीति की उनकी शैली को स्वीकार किया" जिसके चलते मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर ब्रिटिश हेराल्ड मैगजीन के जुलाई संस्करण के कवर पेज पर भी प्रकाशित की जाएगी। यह संस्करण 15 जुलाई को जारी होगा। पत्रिका ने अपने मई-जून के अंक में न्यूजीलैंड के प्रधान मंत्री जैकिंडा अर्डर्न को और मार्च-अप्रैल के अंक में और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को मुखपृष्ठ पर प्रकाशित किया था।