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भारत और अमेरिका ने मंगलवार को 3 अरब डालर के रक्षा सौदे को अंतिम रूप दिया और तीन समझौता पत्रों पर हस्ताक्षर किये जिसमें से एक समझौता ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका ने अपने रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाते हुए तीन अरब डालर के रक्षा समझौते को अंतिम रूप दिया है जिसके तहत नई दिल्ली दुनिया में श्रेष्ठ माने जाने वाले अपाचे और एमएच 60 रोमियो हेलिकाप्टर सहित अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों की खरीद करेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ सामरिक मुद्दों, कारोबार, आतंकवाद से मुकाबला, ऊर्जा सहित विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चा के बाद ट्रंप ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देश अपने नागरिकों को कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद से सुरक्षा प्रदान करने को प्रतिबद्ध हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ''इस प्रयास में अमेरिका पाकिस्तान के साथ उसकी धरती से परिचालित होने वाले आतंकवादियों से मुकाबला करने में सार्थक रूप से काम कर रहा है।''

ट्रंप ने कहा कि हमने अपने रक्षा सहयोग को विस्तार दिया है और इस दिशा में तीन अरब डालर के रक्षा सौदे को अंतिम रूप दिया है। इसके तहत भारत दुनिया में श्रेष्ठ माने जाने वाले अपाचे और एमएच 60 रोमियो हेलिकाप्टर सहित अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों की खरीद करेगा।

उन्होंने कहा, ''ये समझौते हमारी संयुक्त रक्षा क्षमताओं को बेहतर बनाएंगे।'' अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ हमारी चर्चा में मुख्य जोर द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों पर रहा जो साफ-सुथरा और दोतरफा हो।

ट्रंप ने कहा, ''हमारे दलों ने समग्र कारोबार समझौते को लेकर काफी प्रगति की है। मैं आशान्वित हूं कि हम समझौता कर पायेंगे जो दोनों देशों के लिये काफी महत्व का होगा। राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद भारत को अमेरिकी निर्यात करीब 60 प्रतिशत बढ़ा है और उच्च गुणवत्ता के अमेरिकी ऊर्जा उत्पाद का निर्यात 500 प्रतिशत बढ़ा है।''

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उन्होंने कहा कि अपने आर्थिक संबंधों को और मजबूत बनाने के लिये अमेरिका यह घोषणा करता है कि अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त सहयोग यहां अपनी स्थायी उपस्थिति स्थापित करेगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी और मैं अमेरिका, भारत, अस्ट्रेलिया और जापान से जुड़े क्वाड पहल को गति प्रदान करने के लिये काम करेंगे।''

पीएम मोदी ने संयुक्त संवाददाता संबोधन में कहा, ''राष्ट्रपति ट्रंप ने मादक पदार्थ और इससे जुड़ी समस्याओं से निपटने को प्राथमिकता दी है। आज हमारे बीच मादक पदार्थों की तस्करी, मादक पदार्थ से जुड़े आतंकवाद और संगठित अपराध जैसी गम्भीर समस्याओं के बारे में एक नए तंत्र पर भी सहमति बनी।''

मोदी ने किसी का नाम लिए बिना कहा ''आतंकवाद के समर्थकों को जिम्मेदार ठहराने के लिए आज हमने अपने प्रयासों को और आगे बढ़ाने का निश्चय किया है।'' उन्होंने कहा, ''आज राष्ट्रपति ट्रंप और मैंने हमारे सम्बन्धों को समग्र वैश्विक सामरिक गठजोड़ के स्तर पर ले जाने का निर्णय किया है।''

मोदी ने कहा कि कुछ ही समय पहले स्थापित हमारा सामरिक ऊर्जा गठजोड़ सुदृढ़ होता जा रहा है और इस क्षेत्र में आपसी निवेश बढ़ा है।

वहीं, राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा ''हमने मादक पदार्थ रोधी केन्द्र स्थापित करने का निर्णय लिया। हम सतत परियोजनाओं के लिए 'ब्लू डॉट नेटवर्क' पर काम कर रहे हैं ।''

उन्होंने कहा, ''हम कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद से निपटने में सहयोग करने को सहमत हुए।'' साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका आतंकवाद से निपटने के लिए पाकिस्तान के साथ सकारात्मक रूप से काम कर रहा है। ट्रंप ने कहा ''हमने 5जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी, हिंद-प्रशांत में स्थिति पर भी चर्चा की।''

दूसरी ओर, मोदी ने कहा कि तेल और गैस के लिए अमेरिका भारत का एक बहुत महत्वपूर्ण स्त्रोत बन गया है। उन्होंने कहा ''भारत अमेरिका गठजोड़ उद्योग 4.0 और 21वीं शताब्दी की अन्य उभरती प्रौद्योगिकी पर भी नवोन्मेष और उद्यमिता के नए मुक़ाम स्थापित कर रहा है।''

प्रधानमंत्री ने कहा, ''भारतीय पेशेवरों की प्रतिभा ने अमरीकी कंपनियों के प्रौद्योगिकी नेतृत्व को मजबूत किया है। वैश्विक स्तर पर भारत और अमेरिका का सहयोग हमारे समान लोकतांत्रिक मूल्यों और उद्देश्यों पर आधारित है। ख़ासकर हिन्द प्रशांत क्षेत्र में नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए यह सहयोग विशेष महत्व रखता है।''

मोदी ने कहा ''भारत और अमेरिका की इस विशेष मित्रता की सबसे महत्वपूर्ण नींव हमारे लोगों से लोगों के बीच संबंध है। चाहे वह पेशेवर हों या छात्र हों, अमेरिका में भारतीय समुदाय का इसमें सबसे बड़ा योगदान रहा है।''

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.