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REUTERS/Anindito Mukherjee

खराब सेहत की वजह से वित्त मंत्री अरुण जेटली के नई सरकार में मंत्री बनने की संभावना नहीं लगती। सूत्रों के मुताबिक जेटली को अपनी एक बीमारी, जिसका खुलासा नहीं किया गया है, के इलाज के लिए अमेरिका या ब्रिटेन जाना पड़ सकता है और इन कारणों से वह संभवत: नई सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगे।

इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि 66 वर्षीय जेटली बहुत कमजोर हो गए हैं और पिछले कुछ सप्ताह में उनकी सेहत ज्यादा बिगड़ गई है। उनके गले में भी समस्या है जिसकी वजह से वह लंबे समय तक बोल नहीं सकते।

जेटली को इसी सप्ताह कुछ जांच कराने और इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था। उन्हें बृहस्पतिवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी, लेकिन वह शाम को भाजपा मुख्यालय में आम चुनाव में भाजपा की प्रचंड विजय के जश्न में शामिल नहीं हुए। सूत्रों के मुताबिक जेटली मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्री पद के इच्छुक नहीं लगते और संभवत: वह बिना मंत्रालय के मंत्री जैसा पद भी नहीं रखने की अपनी इच्छा जाहिर कर चुके हैं।

वित्त मंत्री का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उन्हें आगे उपचार के लिए ब्रिटेन या अमेरिका जाने की सलाह दी है। जेटली ने पिछले साल मई में किडनी प्रतिरोपण कराया था और उसके बाद से उनकी सेहत में गिरावट देखी जा रही है। जेटली विदेश जाने के बारे में अगले कुछ दिन में फैसला लेंगे। वह पिछले तीन सप्ताह से दफ्तर नहीं गए हैं और सार्वजनिक तौर पर भी उन्हें बहुत कम देखा गया है। हालांकि वह ब्लॉग लगातार लिख रहे हैं और बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की जीत पर भी उन्होंने ट्वीट किया।

जेटली ने शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भी भाग नहीं लिया जिसमें सोलहवीं लोकसभा को भंग करने की सिफारिश की गयी। हालांकि सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अपने आवास पर उनके मंत्रालयों के सभी पांच सचिवों के साथ नियमित बैठक की। पेशे से वकील रहे जेटली मोदी सरकार के अति महत्वपूर्ण मंत्री रहे हैं और कई बार सरकार के मुख्य संकट मोचक की भूमिका निभा चुके हैं। वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने संसद में अनेक आर्थिक विधेयक पारित कराये जिनमें वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रमुख है। उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को 'तीन तलाक' देने के चलन पर रोक लगाने वाले विधेयक समेत कई अन्य कानून पारित कराने में सरकार की ओर से अहम भूमिका निभाई।

मोदी सरकार के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले जेटली ने इस बार खराब सेहत की वजह से लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा। 2014 में वह अपना पहला लोकसभा चुनाव अमृतसर से हार गए थे। कई साल तक भाजपा के प्रवक्ता रहे जेटली ने 47 साल की उम्र में संसद में प्रवेश किया था। तब वह गुजरात से राज्यसभा में मनोनीत किए गए थे। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रहे।

गत 22 जनवरी को जेटली ने अमेरिका में एक सर्जरी कराई थी। बताया गया कि यह उनके बांये पैर में सॉफ्ट टिश्यू कैंसर के लिए की गई थी। इस कारण से उन्होंने मोदी सरकार का छठा और इस कार्यकाल का अंतिम बजट पेश नहीं किया।