बैंक खातों में न्यूनतम राशि जमा न होना भी बैंकों की आमदनी और मुनाफे का एक जरिया बन गया है। पंजाब नेशनल बैंक ने खाते में न्यूनतम राशि न होने पर जुर्माने के तौर पर वित्त वर्ष 2018-19 में 278.66 करोड़ रुपये वसूले हैं। यह राशि देशभर के लगभग 1 करोड़ 27 लाख ग्राहकों से वसूली गई है।
मध्य प्रदेश के नीमच जिले के एक आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने पंजाब नैशनल बैंक से जानकारी चाही थी कि बीते दो वित्त वर्ष में बचत और चालू खाते में न्यूनतम राशि न होने पर कितने खातेदारों से कितनी राशि वसूली गई है। पीएनबी की ओर से उपलब्ध कराए गए ब्यौरे के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 में पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) ने बैंक खातों में न्यूनतम राशि न होने पर जुर्माने के तौर पर खाताधारकों से 278.66 करोड़ रुपये वसूले।
यह राशि विगत वित्त वर्ष की तुलना में वसूली गई राशि से 32 फीसदी अधिक है। पीएनबी ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 1,22,53,756 बचत खातों से कुल 226.36 करोड़ रुपये और 5,37,692 चालू खातों से कुल 52.30 करोड़ रुपये जुर्माने के रूप में वसूले हैं। यह राशि इन खातों में न्यूनतम राशि न होने के कारण वसूली गई।
इस तरह पीएनबी ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान दोनों प्रकार के करीब 1. 27 करोड़ खाता धारकों (बचत और चालू) से कुल 278.66 करोड़ रुपये जुर्माने के तौर पर वसूले हैं। वहीं बैंक ने वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 1,22,98,748 बचत खातों से कुल 151.66 करोड़ रुपये और 5,94,048 चालू खातों से कुल 59.08 करोड़ रुपये खातों में न्यूनतम राशि न होने पर खाताधारकों से जुर्माने के रूप में वसूले हैं।
इस तरह वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान बैंक ने दोनों प्रकार के(बचत और चालू) लगभग 1. 28 करोड़ खाताधारकों से कुल 210. 74 करोड़ रुपये की राशि खातों में न्यूनतम शेष नहीं बनाएं रखने पर जुर्माने के तौर पर वसूले।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।