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IANS

देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले को अंजाम देकर एंटीगा में बैठे हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने अब भारत की नागरिकता भी छोड़ दी है. मेहुल चोकसी ने अपने भारतीय पासपोर्ट को सरेंडर कर दिया है और खुद को एंटीगुआ का नागरिक बताया है. यानी मेहुल चोकसी ने आधिकारिक तौर पर भारतीय नागरिकता को छोड़ दिया है. मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ हाई कमिशन में अपना पासपोर्ट जमा करवा दिया है.

बता दें कि कल ही मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण मामले को लेकर सुनवाई होनी थी, लेकिन उससे पहले ही उसने खुद को आधिकारिक तौर पर एंटीगुआ का नागरिक घोषित कर दिया है. ऐसे में उसे भारत प्रत्यर्पित करना और भी मुश्किल हो सकता है.

मेहुल चोकसी ने अपने पासपोर्ट जिसका नंबर Z3396732 है, को हाई कमिशन में जमा करवाया. इसके साथ ही उसने इसकी फीस कुल 177 डॉलर भी जमा करवाई. इस बारे में विदेश मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को अवगत करा दिया है. मेहुल चोकसी का आधिकारिक पता अब हार्बर, एंटीगुआ हो गया है.

मेहुल चोकसी के वकीलों को उम्मीद है कि इस कोशिश से भारत द्वारा चोकसी को प्रत्यर्पित करने की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है. बता दें कि मेहुल चोकसी के खिलाफ पहले ही इंटरपोल का नोटिस जारी किया हुआ है, भारत की कई एजेंसियां लगातार उसकी तलाश कर रही थीं.

मेहुल चोकसी 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपियों में एक है. इस धोखाधड़ी मामले में चोकसी का रिश्तेदार नीरव मोदी मुख्य आरोपी है. आपको बता दें कि मेहुल चोकसी गीतांजलि ग्रुप का चेयरमैन है. धोखाधड़ी मामले का खुलासा होने के बाद उसने एंटीगुआ में शरण ले ली थी.

आपको बता दें कि ईडी, सीबीआई जैसी सुरक्षा एजेंसियां पीएनबी स्कैम मामले की जांच में जुटी हैं. ईडी ने अभी तक मेहुल चोकसी और नीरव मोदी की कुल 4765 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को जब्त कर लिया है.

चोकसी के प्रत्यर्पण में जुटी सरकार के लिए यह झटका माना जा रहा है. बता दें कि पिछली सुनवाई में चोकी ने कोर्ट में पिछली सुनवाई में अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कहा था कि फ्लाइट में 41 घंटे का सफर करके भारत नहीं आ सकता है. चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कराने के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) स्पेशल कोर्ट में एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) द्वारा दायर याचिका के जवाब यह बात कही थी.