गौतम सिंघानिया
गौतम सिंघानियाGetty Images

बेहद चौंकाने वाली घोषणा करते हुए रेमंड ग्रुप के प्रमोटर और चेयरमैन गौतम सिंघानिया ने कहा है कि वह ग्रुप की सभी कंपनियों के चेयरमैन पद से इस्तीफा देकर रोजमर्रा के काम से अलग हो जाएंगे. उनका मकसद एक ऐसा स्वतंत्र संस्थान खड़ा करना है जो प्रतिस्पर्धा की भावना से संचालित हो और जिसमें प्रमोटर का कोई दखल नहीं हो.

गौतम सिंघानिया ने बताया कि वह ग्रुप की एफएमसीजी कंपनी रेमंड अपैरल के चेयरमैन का पद पहले ही छोड़ चुके हैं. आगे वह दो इंजिनियरिंग कंपनियों- जेके फाइल्स और रिंग प्लस एक्वा के चेयरमैन पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं. इनके लिए प्रफेशनल चेयरमैन की तलाश हो रही है. वह ग्रुप की सबसे प्रमुख कंपनी रेमंड लि. के टॉप पोस्ट से भी हट सकते हैं.

उन्होंने कहा, 'पता नहीं मैं रेमंड लि. का चेयरमैन कब तक रहूंगा. मेरे दिमाग में कुछ चल रहा है जिसके बारे में अभी बात करना नहीं चाहता हूं. मैं ग्रुप की बाकी महत्वपूर्ण कंपनियों का चेयरमैन हूं भी नहीं.'

सिंघानिया ने कहा कि वह हरेक कंपनी के लिए स्वतंत्र शासन-प्रशासन व्यवस्था लागू कर रहे हैं और सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रमोटर का परिवार रोजमर्रा के कामकाज से हमेशा दूर रहें. 53 वर्षीय गौतम सिंघानिया ने कहा, 'ईश्वर माफ करे, लेकिन अगर मैं कल सुबह मर जाऊं, तो कुछ तय लोग होंगे जो हर चीज की जिम्मेदारी संभाल लेंगे. रेमंड स्वतंत्र और प्रतिस्पर्धात्मक रूप से चलती रहेगी. मेरी बच्चियां बहुत छोटी हैं। मुझ पर मेरी पत्नी और बच्चियों के साथ-साथ अपने कर्मचारियों, शेयरधारकों, बैंकों, संस्थानों और ग्राहकों की जिम्मेदारी है.'

उन्होंने कहा कि उनका पूरा ध्यान बिजनस के लिए रणनीति तय करने, नए प्रॉडक्ट बनाने, बजट, लक्ष्य तय करने, कंपनसेशन और जनसंपर्क पर होगा.

एफएमसीजी कारोबार में राजीव बख्शी जेके हेलेन कर्टिस के चेयरमैन, जबकि सिंघानिया निदेशक हैं और तीन स्वतंत्र निदेशक हैं. बीते साल नवंबर में उन्होंने रेमंड अपैरल के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद निर्विक सिंह को चेयरमैन बनाया गया.

इसके अलावा उन्होंने अपने पिता विजयपत सिंघानिया के साथ चल रहे विवादों पर सफाई देते हुए कहा है कि अगर कोई ये सोचता है कि उन्होंने अपने पिता को निकाल दिया है, तो वो गलत है. उन्होंने कहा, 'मैंने उन्हें कई बार ऑफर दिया कि आइए और मेरे साथ रहिए.'

समाचार पत्र इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक गौतम सिंघानिया ने कहा, 'वे मेरे पिता हैं और 81 साल के हैं. अगर मैं उनकी देखभाल नहीं करूंगा तो कौन करेगा? कई लोगों ने उन्हें मेरे साथ लाने की कोशिश की, लेकिन वे नाकामयाब रहे.'

विजयपत सिंघानिया
विजयपत सिंघानियाReuters

विजयपत सिंघानिया रेमंड समूह के संस्थापक हैं और उन्हें बीते साल अक्टूबर में रेमंड समूह के अवकाशप्राप्त अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. विजयपत सिंघानिया ने आरोप लगाया कि उन्होंने अपने बेटे गौतम को 37% हिस्सेदारी गिफ्ट कर दी थी, जिसकी कीमत 1000 करोड़ रुपये थी, इसके बाद गौतम ने उन्हें जेके हाउस में डुप्लेक्स देने से इनकार कर दिया और उनके साथ बुरा बर्ताव किया.

हालांकि विजयपत सिंघानिया के इन आरोपों पर गौतम ने कहा कि उनके पिता के पास काफी पैसा है, और वो उस व्यक्ति के जीवन भर आभारी रहेंगे जो उनके पिता को वापस उनके पास लाने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पिता के साथ विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने में खुशी होगी. हालांकि वे इसके लिए ऐसी बात को नहीं मान सकते जो कानून के खिलाफ हो या जो उनके लिए संभव न हो.