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सांकेतिक तस्वीरReuters file

रत्न और आभूषण उद्योग की मांग पिछले छह महीनों में 30 प्रतिशत घटा है। उद्योग जगत के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अखिल भारतीय रत्न और आभूषण घरेलू परिषद के अध्यक्ष अनंत पद्मनाभन ने कहा कि पिछले छह महीनों में कारोबार में 30 प्रतिशत की कमी आई है।

पद्मनाभन ने मीडिया से कहा, 'हमने पहले ही प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री और वित्त मंत्री से संपर्क किया था और आयात शुल्क, जीएसटी को कम करने की अपील की थी।' पद्मनाभन ने दावा किया कि सीमा शुल्क, जीएसटी में वृद्धि के कारण सोने की तस्करी में वृद्धि हुई है। इसके अलावा ग्राहक दुबई, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर जैसे देशों से भी सोना खरीदने का विकल्प चुन रहे हैं।

पद्मनाभन कहा कि 2020 के बजट के दौरान सरकार आयात शुल्क को मौजूदा 12.5 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत करने पर विचार कर सकती है। पद्मनाभन ने सरकार से 15 जनवरी 2021 से देश भर में सोने की हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने वाली एक अधिसूचना जारी करने से पहले एक 'संचालन समिति' का गठन करने की अपील की।

संचालन समिति के माध्यम से सरकार हॉलमार्किंग पर अधिसूचना जारी करने से पहले आभूषण उद्योग के नजरिए से अवगत हो सकती है। एक प्रश्न के संदर्भ में, उन्होंने कहा कि विभिन्न कारणों से वर्ष 2018 के 766 टन के मुकाबले वर्ष 2019 में सोने का आयात घटकर 710 टन रह गया।

संयुक्त राज्य अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव और आभूषण उद्योग पर इसके प्रभाव के बारे में पूछे गए एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इससे वर्ष 2020 में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव रह सकती है। उन्होंने कहा, 'कीमतों में यह उतार चढ़ाव, अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव तक रहने वाली है।'

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.