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पाकिस्तानी थिंक टैंक ने रविवार को कहा कि 2020 में पाकिस्तान के लिए विदेश मामले चुनौतीपूर्ण रहेंगे और भारत के साथ रिश्ते भी तल्ख बने रहेंगे। इस्लामाबाद पॉलिसी इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट ''पाकिस्तान आउटलुक 2020 : पॉलिटिक्स, इकोनॉमी एंड सिक्युरिटीज'' में कहा कि भारत के साथ तनाव की वजह से पाकिस्तान का अधिकतर रणनीतिक और कूटनीतिक समय जाया होगा।''

पाकिस्तानी अखबार डॉन ने रिपोर्ट को उद्धृत करते हुए कहा, ''अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया भी भविष्य में अनिश्चितता से घिरी रहेगी।''

रिपोर्ट में कहा गया, ''पाकिस्तान के लिए विदेश मामला 2020 में पूरे साल चुनौतीपूर्ण रहेगा जिसका गंभीर असर उसकी अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और आंतरिक स्थिरता पर पड़ेगा।''

थिंक टैंक ने कहा कि कश्मीर के हालात और भारत में मुस्लिमों की स्थिति नयी दिल्ली से संबंधों की दिशा तय करेगा। भारत और पाकिस्तान के बीच सीमित तनाव की उच्च आशंका बनी रहेगी।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल पांच अगस्त को भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के लिए अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधानों को निष्क्रिय किए जाने के बाद से दोनों देशों में तनाव है। हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि यह उसका आंतरिक मामला है और पाकिस्तान सच्चाई स्वीकार करे एवं नयी दिल्ली के खिलाफ प्रोपगेंडा बंद करे।

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इस्लामाबाद के थिंकटैंक ने यह रिपोर्ट विदेश मामलों में मौजूदा परिस्थितियों, आर्थिक, राजनीतिक स्थिरता और सुरक्षा की समीक्षा करने के बाद तैयार की है।

डॉन अखबार के मुताबिक,रिपोर्ट में विदेश नीति के पहलुओं की समीक्षा पूर्व विदेश सचिव सलमान बशीर ने और सैन्य पहलुओं का आकलन रक्षा सचिव एवं सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल आसिफ यासिन मलिक ने किया है। अर्थशास्त्री सैयद हुसैन हैदर ने आर्थिक स्थिति और फरहान बुखारी ने राजनीतिक स्थिरता का आकलन किया है।

रिपोर्ट में बशीर ने आरोप लगाया, ''भारत से पाकिस्तान की सुरक्षा को सबसे पहला खतरा भारतीय जनता पार्टी के शासन में भारत का खतरनाक रूप से हिंदू देश में तब्दील होना है।''

उन्होंने कहा कि भारत को सभी नागरिक, अंतरराष्ट्रीय और सिद्धांतों के उल्लंघन के बावजूद अमेरिका का समर्थन प्राप्त है। रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका और चीन में प्रतिस्पर्धा से पाकिस्तानी नीति निर्माताओं की आने वाले दिनों में परीक्षा होगी।

इसमें कहा गया, ''इससे पाकिस्तान-अमेरिका के रिश्तों में तनाव आएगा और पाकिस्तान के नजरिये से क्षेत्रीय परिस्थितियां और जटिल होंगी।''

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.