पेशावर की एक विशेष अदालत ने मंगलवार 17 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति सेवानिवृत्त जनरल परवेज मुशर्रफ को उनके खिलाफ लंबे समय तक चले देशद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाई। विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने सेवानिवृत्त पूर्व सैन्य तानाशाह जनरल को मृत्युदंड दिया। तीन में से दो न्यायाधीश मृत्युदंड के पक्ष में थे।
पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधान मंत्री नवाज शरीफ ने मुशर्रफ के खिलाफ तीन नवंबर, 2007 को इमरजेंसी लागू करने के लिए और दिसंबर 2007 के मध्य तक संविधान को निलंबित करने के लिए दिसंबर 2013 में मामला दर्ज किया गया था।
सबसे बड़ी बात यह है कि खुद नवाज़ शरीफ भी भ्रष्टाचार के मामले में जेल की हवा खा रहे हैं। इसके बाद 31 मार्च 2014 को मुशर्रफ आरोपी करार दिए गए और उसी साल सितंबर में अभियोजन ने सारे साक्ष्य विशेष अदालत के सामने रखे।
पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वकार सेठ, सिंध उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति नज़र अकबर और लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शाहिद करीम की पीठ ने कहा कि वे अगले दो दिनों में एक विस्तृत निर्णय जारी करेंगे।
मुशर्रफ ने 1999 से 2008 तक पाकिस्तान में शासन किया। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और लाल मस्जिद के धार्मिक गुरु की हत्या के मामले में उन्हें भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।
लाहौर स्थित एक विशेष अदालत ने 76-वर्षीय परवेज़ मुशर्रफ को राजद्रोह के इस केस में 5 दिसंबर तक बयान दर्ज कराने का आदेश दिया था। फिलहाल दुबई में बसे हुए मुशर्रफ ने विशेष अदालत के आदेश को चुनौती दी थी, और उनकी गैरमौजूदगी में सुनवाई को स्थगित कर दिए जाने की अपील की थी।
परवेज़ मुशर्रफ ने लाहौर हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि विशेष अदालत के सुरक्षित रखे गए फैसले को तब तक के लिए निलंबित कर दिया जाए, जब तक वह कोर्ट में पेश होने लायक स्वस्थ न हो जाएं।
हाल ही में मुशर्रफ ने अस्पताल से एक वीडियो जारी किया। इसमें वे बिस्तर पर लेटे-लेटे कहते हैं, "देशद्रोह का केस बेबुनियाद है। गद्दारी छोड़िए, मैंने तो इस मुल्क की कई बार खिदमत की है। कई बार जंग लड़ी। 10 साल तक सेवा की। आज मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मेरे खिलाफ जांच के लिए कमीशन बनाया गया। बेशक बनाइए। लेकिन, इस कमीशन को यहां आकर मेरी तबियत देखें और बयान दर्ज करें। इसके बाद कोई कार्रवाई की जाए। कमीशन की बात कोर्ट भी सुने। उम्मीद है कि मुझे इंसाफ मिलेगा।"
पाकिस्तानी मीडिया में बताया गया है कि मुशर्रफ को एक दुर्लभ किस्म की बीमारी अमिलॉइडोसिस से पीड़ित हैं। इस बीमारी के कारण बची हुई प्रोटीन शरीर के अंगों में धीरे-धीरे जमा होने लगता है।