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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफReuters File

पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इलाज कराने के लिए विदेश जाने की अनुमति देने का फैसला किया. हालांकि मंत्रिमंडल ने शर्त रखी है कि अगर वह इलाज कराकर वापस लौटने और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने का वादा करते हुए जमानत पत्र पर हस्ताक्षर करते हैं तो ही उन्हें अनुमति दी जाए.

प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक ने नवाज शरीफ का नाम उन लोगों की सूची से हटा दिया है जिनके विदेश जाने पर रोक है.

पाकिस्तान के रेल मंत्री राशिद अहमद ने मीडिया को बताया कि मंत्रिमंडल ने 'शर्तों के साथ' शरीफ को विदेश जाने की अनुमति दी है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख शरीफ शुक्रवार को डॉक्टरों की सलाह और परिवार के आग्रह को मानकर उपचार के लिए ब्रिटेन जाने पर सहमत हो गए थे.

उन्हें रविवार को पाकिस्तान इंटरनेशनल एअरलाइंस (पीआईए) की उड़ान से लंदन जाना था, लेकिन वह सूची में अपना नाम होने के कारण ऐसा नहीं कर पाए.

अहमद ने कहा, 'मंत्रिमंडल के अधिकांश सदस्यों ने उन्हें शर्तों के साथ इलाज के लिए देश से बाहर जाने देने के निर्णय का समर्थन किया.' शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने सोमवार को ट्वीट किया था कि डॉक्टरों के अनुसार, शरीफ के विदेश जाने की प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है.

औरंगजेब ने कहा कि डॉक्टरों ने पूर्व प्रधानमंत्री को विदेश यात्रा के लिए तैयार करने के वास्ते स्टेरॉयड्स की भारी खुराक दी है. उन्होंने कहा कि किसी आपात स्थिति में इलाज के लिए शरीफ को विदेश ले जाना लगभग मुश्किल होगा. उन्होंने बताया था कि डॉक्टर पूर्व प्रधानमंत्री का प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं ताकि जब वह यात्रा करें तो उनकी तबीयत न बिगड़े. शनिवार नौ नवंबर को शरीफ का प्लेटेलेट काउंट 20,000 था.

शरीफ को बुधवार छह नवंबर को लाहौर में उनके जट्टी उमरा रायविंड स्थित आवास ले जाया गया था. वह दो सप्ताह तक कई बीमारियों के इलाज के लिए पाकिस्तान के एक अस्पताल में भर्ती रहे. शरीफ का प्लेटलेट काउंट अत्यधिक कम हो जाने के बाद उन्हें 22 अक्टूबर को सर्विसेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.