भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती संवेदनशील सीमा जहां पर घुसपैठ की सबसे अधिक आशंका है वहां पर स्टील की नयी सुरक्षा दीवार खड़ी कर रहा है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह दीवार पंजाब के अमृतसर से नजदीक करीब 60 किलोमीटर लंबी सीमा पर खड़ी की जा रही है और उसके ऊपर कंटीले तार लगाए जाएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि नयी सुरक्षा दीवार को प्रायोगिक तौर पर असम के सिलचर में बांग्लादेश से लगती भारतीय सीमा के सात किलोमीटर क्षेत्र में लगाया गया और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) इसका परीक्षण कर रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एक किलोमीटर लंबी सीमा पर नयी सुरक्षा दीवार खड़ी में करीब दो करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
अधिकारियों ने बताया कि परीक्षण के बाद स्टील से बनी दीवार अन्य ऐसे स्थानों पर भी खड़ी की जाएगी जहां सुरक्षा दीवार जर्जर है या भौगोलिक चुनौतियों की वजह से है ही नहीं। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने दोनों देशों की सीमाओं पर तकनीक आधारित लेजर दीवार लगाने की परियोजनाओं को भी गति दी है और इसे पहले निर्धारित 10 साल के बजाय पांच साल में पूरा किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वृहद एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली जिसमें स्मार्ट सुरक्षा दीवार, अद्यतन निगरानी उपकरण और घुसपैठ रोधी अलार्म को भी गृहमंत्रालय के अधीन काम करने वाले सीमा प्रबंधन प्रकोष्ठ और सीमा सुरक्षा बल गति दे रहे हैं।
सीमा की सुरक्षा बढ़ाने की यह पहल सुरक्षा एजेंसियों की ओर से भारत-पाकिस्तान सीमा के नजदीक अफगान लड़ाकों की उपस्थिति की सूचना देने की पृष्ठभूमि में हो रहा है जो अफगानिस्तान से आकर जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की फिराक में है।
सूत्रों ने बताया कि चूंकि जम्मू से लगती अंतराष्ट्रीय सीमा और कश्मीर से लगती नियंत्रण रेखा के करीब घुसपैठ ठिकाने और आतंकवादियों के लांचिंग पैड अब भी सक्रिय हैं और अब सुरक्षा एजेंसियों की नयी चिंता अफगानिस्तान से प्रशिक्षित आतंकवादियों की सीमा के उन स्थानों पर मौजूदगी है, जहां से वे घुसपैठ कर नवगठित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और अन्य इलाकों में समस्या पैदा कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि बीएसएफ ने हाल में उन जगहों की पहचान करने की कार्रवाई पूरी कर ली है जहां से घुसपैठ हो सकती है। सूत्रों ने बताया कि सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई स्तर पर काम हो रहा है। सुरक्षा आकलन के हवाले से उन्होंने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां सीमा पार के आतंकी माड्यूल पर भी करीब से नजर रख रही हैं।
अधिकारियों ने कश्मीर से अर्धसैनिक बलों की संख्या कम करने से इनकार करते हुए कहा कि नियमित कानून व्यवस्था को कायम रखने और आतंकवाद निरोधक कार्रवाई के लिए सीआरपीएफ, बीएसएफ,आईटीबीपी और एसएसबी बलों की आदर्श मौजूदगी जरूरी है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.