सांकेतिक तस्वीर
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अब तक भारत दूसरे देशों से हथियारों का आयात ही करता रहा है, लेकिन अब इसके उलट निर्यात करने की भी तैयारी शुरू हो गई है। भारत की ओर से इसी साल दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और खाड़ी देशों को मिसाइलों की पहली खेप का निर्यात किया जाएगा। एक शीर्ष रक्षा अधिकारी ने बताया कि दक्षिण पूर्व एशिया और खाड़ी के देशों की ओर से रुचि दिखाए जाने के बाद यह फैसला लिया गया है।

सिंगापुर में आयोजित इमडेक्स एशिया 2019 एग्जिबिशन को संबोधित करते हुए ब्रह्मोस एरोस्पेस के एचआर कोमोडर एसके अय्यर ने कहा कि सरकारों के बीच करार के बाद पहली बार मिसाइलों का एक्सपोर्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'ऐसे कई दक्षिण पूर्व एशियाई देश हैं, जो हमारी मिसाइलों को खरीदने के लिए तत्पर हैं।'

इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में उन्होंने कहा, 'यह हमारा पहला एक्सपोर्ट होगा। इसके साथ ही हमारी मिसाइलों में खाड़ी के देश भी रुचि दिखा रहे हैं।' भारतीय डिफेंस सेक्टर के समक्ष दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और खाड़ी देशों में निर्यात के अच्छे अवसर हैं। भारत-रूस जॉइंट वेंचर ब्रह्मोस और डिफेंस कंपनी लार्सन ऐंड टर्बो ने इमडेक्स एग्जिबिशन में दक्षिण पूर्व एशियाई बाजार के लिए कई रक्षा उपकरणों को प्रस्तुत किया।

उन्होंने कहा कि मार्केट के ट्रेंड में तेजी से बदलाव हो रहा है। इसके चलते मिडल ईस्ट, साउथ ईस्ट एशिया और साउथ अमेरिका के देशों में सक्षम, कम कीमत वाले और भरोसेमंद रक्षा उपकरणों की मांग बढ़ी है। ऐसे हथियारों की आपूर्ति के मामले में भारत अपनी मजबूत भूमिका स्थापित कर सकता है।