-
Twitter / @DelhiCapitals

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण में बदले हुए नाम से उतरी दिल्ली फ्रेंचाइजी ने अपने प्रदर्शन से खुद के इतिहास में बड़ा बदलाव करते हुए सभी को हैरान किया है। इस साल छह सीजन बाद प्लेऑफ में पहुंचने वाली दिल्ली कैपिटल्स ने पहली बार अंतिम-4 में जीत हासिल की और अब पहली बार फाइनल में पहुंचने से एक कदम की दूरी पर है।

दिल्ली ने प्लेऑफ राउंड के एलिमिनेटर मुकाबले में पूर्व विजेता सनराइजर्स हैदराबाद को मात दे क्वॉलिफायर-2 में जगह बनाई है जहां उसका सामना गत विजेता चेन्नई सुपर किंग्स से शुक्रवार को डॉ. वाई राजशेखरेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में होना है। आईपीएल के इतिहास की सबसे सफल टीमों में गिनी जाने वाली चेन्नई को क्वॉलिफायर-1 में तीन बार की विजेता मुंबई इंडियंस ने मात दी थी और फाइनल में प्रवेश किया। उस हार से हालांकि चेन्नई बाहर नहीं हुई। उसे क्वॉलिफायर-2 में फाइनल में जाने का एक और मौका मिल रहा है।

महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई के लिए हालांकि यह दूसरा क्वॉलिफायर कांटे भरे रास्ते से कम नहीं होगा क्योंकि दिल्ली की टीम इस समय शानदार फॉर्म में हैं और लगातार अपने खेल में सुधार कर रही है। ऐलिमिनेटर मुकाबले में उसने हैदराबाद को जीत के करीब आने के बाद हार के लिए मजबूर कर दिया था। इसमें ऋषभ पंत की अहम भूमिका रही थी जिन्होंने आखिरी के ओवरों में महज 21 गेंदों पर 49 रनों की पारी खेल टीम को जीत दिलाई।

पंत ने इस सीजन आखिरी ओवरों में कई ऐसा पारियां खेली हैं जिन्होंने दिल्ली की जीत का रास्ता खोला है। इस जीत में हालांकि सिर्फ पंत ही नहीं एक और युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ की 56 रनों की पारी भी अहम रही जिसने दिल्ली की जीत की नींव रखी थी। दिल्ली की बल्लेबाजी की खासियत यही रही है कि उसका कोई न कोई बल्लेबाज टीम के लिए स्कोर कर जाता है। सलामी बल्लेबाज शिखर धवन तो इस सीजन बल्ले से जबरदस्त फॉर्म में हैं। वहीं कप्तान श्रेयस अय्यर ने भी कई अच्छा पारियां खेली हैं। बीते मैच में हालांकि यह दोनों चले नहीं थे तो उनकी भरपाई पंत और शॉ ने कर दी थी। इन चारों के अलावा दिल्ली के पास कोलिन मुनरो, कोलिन इनग्राम, शेरफेन रदरफोर्ड जैसे बल्लेबाज है।

गेंदबाजी में दिल्ली के पास ट्रेंट बाउल्ट, ईशांत शर्मा जैसे तेज गेंदबाज हैं। बाउल्ट पिछले मैच में महंगे साबित हुए थे और 12.33 की औसत से रन लुटाए थे लेकिन ईशांत ने किफायती गेंदबाजी की थी। उन्होंने चार ओवरों में 8.50 की औसत से सिर्फ 34 रन दिए थे और दो विकेट हासिल किए थे। कीमो पॉल ने मौके पूरा फायदा उठाया था और तीन सफलताएं अर्जित की थीं। स्पिन में अमित मिश्रा, अक्षर पटेल जैसे दो अनुभवी स्पिनर दिल्ली के पास हैं। वहीं अगर चेन्नई की बात की जाए तो उसकी समस्या पावरप्ले में तेजी से रन नहीं बना रही है।

टीम के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने भी पहले क्वालीफायर के बाद इस बात को सरेआम कबूल किया था। धोनी और उनकी टीम के लिए यह एक चुनौती बन गई है। इसका एक बड़ा कारण शेन वाटसन का फॉर्म में न होना है। पिछले सीजन जब चेन्नई ने वापसी करते हुए खिताब जीता था तब वॉटसन ने कमाल की बल्लेबाजी की थी लेकिन इस सीजन वह विफल रहे हैं। फॉफ डु प्लेसिस का बल्ला चला है लेकिन निरंतरता नहीं रही है। सुरेश रैना के साथ भी यह दिक्कत रही है।

केदार जाधव के जाने के बाद पूरा भार अब अंबाती रायडू और कप्तान धोनी के जिम्मे आ गया है। गेंदबाजी में लेग स्पिनर इमरान ताहिर अच्छा कर रहे हैं। ताहिर ने अभी तक लीग में 23 विकेट लिए हैं और इस सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की सूची में दूसरे स्थान पर खड़े हैं। स्पिन में टीम के पास हरभजन सिंह और रविंद्र जडेजा के रूप में दो और अच्छे विकल्प हैं। तेज गेंदबाजी की बात की जाए तो धोनी को दीपक चाहर के ऊपर काफी भरोसा है।