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केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार, 28 सितंबर को मुंबई में नौसेना की दूसरी सबसे अत्याधुनिक पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी को भारतीय नौसेना के बेड़े में कमीशन किया। इसके अलावा पी-17ए सीरीज का पहला युद्धपोत आईएनएस नीलगिरि को भी लॉन्च किया गया। साइलेंट किलर कही जाने वाली आईएनएस खंडेरी पानी में दुश्मन पर सबसे पहले प्रहार करने वाली कलवरी श्रेणी की दूसरी डीजल- इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई में आईएनएस खंडेरी को नौसेना में शामिल करने के दौरान कहा कि यह बेहद गर्व की बात है कि भारत उन चुनिंदा देशों में है जो अपनी पनडुब्बियों का निर्माण खुद कर सकता है। हमारे क्षेत्र में जो भी शांति भंग करेगा भारतीय नौसेना उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी ताकते हैं जो भारत के तटीय क्षेत्र में मुंबई जैसे हमले दोबारा करना चाहती है, हम ऐसा होने नहीं देंगे।

खंडेरी, फ्रांस और भारत की तकनीक से मिलकर मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में ही तैयार हुई है। 2006 में फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप के साथ 3.75 अरब डॉलर से छह पनडुब्बी तैयार करने का एक करार हुआ था। पहली पनडुब्बी 2012 में मिलनी थी, किन्ही कारणों से ऐसा नहीं हो पाया।

इसके नेवी के बेड़े में शामिल होने के बाद अब समंदर में दुश्मन भारत की तरफ आंख उठाकर नहीं देख पाएगा। 300 किलोमीटर दूर स्थित दुश्मन के जहाज को नष्ट करने की क्षमता रखने वाली आईएनएस खंडेरी शत्रुओं के लिए काल है।

खंडेरी 67 मीटर लंबी और 6.2 मीटर चौड़ी है। इसकी ऊंचाई 12.3 मीटर है, जिसका कुल वजन 1550 टन है। एक बार पानी में जाने के बाद यह 12 हजार किमी. तक का सफर तय कर सकती है। खंडेरी पानी के भीतर 45 दिनों तक रह सकती है। इसी के साथ देश में निर्मित यह पनडुब्बी एक घंटे में 35 किलोमीटर की दूरी आसानी से तय कर सकती है।

इसके अलावा इसमें 36 से अधिक नौसैनिक रह सकते हैं। दुश्मन सेना के छक्के छुड़ाने की ताकत रखने वाली खंडेरी सागर में 300 मीटर की गहराई तक जा सकती है। कोई भी रेडार इसका पता नहीं लगा सकता है।

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खंडेरी बैटरी पर चलने वाली पनडुब्बी है। लंबे समय तक पानी में रहने के लिए इसमें 750 किलो की 360 बैटरी लगाई गई हैं। बैटरी को चार्ज करने के लिए इसमें 1250 वॉट्स के 2 डीजल जनरेटर लगाए गए हैं।

रेडार, सोनार, इंजन समेत इसमें छोटे बड़े 1000 से अधिक उपकरण लगे हुए हैं। इसके बावजूद बगैर आवाज किए यह पानी में चलने वाली विश्व की सबसे शांत पनडुब्बियों में से एक है। इस वजह से रेडार आसानी से इसका पता नहीं लगा सकते हैं। इसीलिए इसे 'साइलेंट किलर' भी कहते हैं।

नौसेना के पास फिलहाल 14 पारंपारिक सहित दो परमाणु पनडुब्बी हैं। इससे नौसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा और हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की पैठ और मजबूत होगी। खंडेरी पहली बार 12 जनवरी, 2017 को एक लांच हुई थी

खंडेरी का नाम महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के खंडेरी दुर्ग के नाम पर रखा गया है। इस दुर्ग या किले की खासियत यह थी कि यह एक जल दुर्ग था मतलब चारों और पानी से घिरा हुआ इसलिए दुश्‍मन के लिए अभेद्य था।